शहीद जय सिंह की चिता को 7 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि, दो सगी बहनों के फौजी पति देश पर कुर्बान
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी इलाके के गांव दूड़ियां में ताराचंद बांगड़वा परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। दो फौजी बेटे महज सालभर के अंतराल में शहीद हो गए। शहीद जय सिंह का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। उनकी सात साल की बेटी डॉली ने चिता को मुखाग्नि दी। बेटी बार-बार शहीद पिता का माथा चूमती रही। यह देख वहां मौजूद कोई शख्स आंसू नहीं रोक पाया। ताराचंद बागड़वा के छोटे बेटे पिंटू कुमार बांगड़वा 11 माह पहले ही शहीद हुए थे। 30 नवंबर को शहीद पिंटू कुमार बागड़वा की प्रतिमा अनावरण होना था। इससे पहले ही बड़े भाई भी वीरगति को प्राप्त हो गए।
युवाओं ने तिरंगा रैली निकाली
शहीद जयसिंह की पार्थिव देह गुरुवार रात साढ़े दस बजे गुढ़ागौड़जी पुलिस थाना पहुंची थी। सुबह गुढ़ागौड़जी से गांव दूड़ियां तक युवाओं ने तिरंगा रैली निकाली। युवाओं ने 'जब सूरज चांद रहेगा तब जयसिंह तेरा नाम रहेगा' के नारे लगाए। दोपहर को गांव दूड़ियां में दोपहर ढाई बजे अंतिम संस्कार किया गया। सैन्य अधिकारियों ने शहीद जयसिंह की सात साल की बेटी डब्बू (डॉली) को तिरंगा सौंपा।
पांच किलोमीटर तक पुष्प वर्षा
इससे पहले गुढ़ागौड़जी से दूड़ियां गांव तक 5 किलोमीटर में लोग सड़क किनारे खड़े रहे और शहीद की पार्थिव देह घर ले जाई जा रही थी तब पुष्प वर्षा की। सड़क के दोनों तरफ तिरंगे और फूल लेकर खड़े ग्रामीणों ने जयसिंह जिंदाबाद व शहीद जयसिंह अमर रहे के नारे लगाए। जयपुर से आई जाट रेजिमेंट की टुकड़ी गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी किया आखिरी सैल्यूट
शहीद की शवयात्रा में शामिल होने और पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े। युवाओं के हाथों में तिरंगे थे। उदयपुरवाटी विधायक व राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी गांव दूड़ियां पहुंचकर शहीद को आखिरी सैल्यूट किया। शहीद पति के अंतिम दर्शन कर सोनू का भी रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटी डब्बू (डॉली) को भी अफसर बनाएगीं।
106 पैरा (टीए) एयरबोर्न यूनिट में थे जयसिंह
बता दें कि जयसिंह भारतीय सेना की 106 पैरा (टीए) एयरबोर्न यूनिट में 16 दिसंबर 2011 को भर्ती हुए थे। बेंगलुरु सेंटर में गुरुवार को जय सिंह का फिजिकल टेस्ट चल रहा था। इस दौरान वे अचेत होकर गिर पड़े। उन्हें बेंगलुरु के आर्मी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया। शहीद जयसिंह के छोटे भाई पिंटू कुमार बांगड़वा भी उन्हीं की यूनिट में थी।
एक ही घर में हुई थी दोनों की शादी
उल्लेखनीय है कि जयसिंह और उनके छोटे भाई पिंटू कुमार की शादी साल 2013 में गांव किठाना के एक ही परिवार में दो सगी बहनों से हुई थी। किठाना के इस परिवार ने महज 11 माह में दोनों फौजी दामाद खो दिए। पिंटू कुमार 2021 में आगरा में सैन्य अभ्यास के दौरान चोट लगने से घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां नवंबर 2021 में शहीद हो गए।
Shaheed Jai Singh : झुंझुनूं का जवान जयसिंह शहीद, बांगड़वा परिवार ने सालभर में खो दिए दोनों फौजी बेटे