इस गंभीर बीमारी की चपेट में आया पूरा राजस्थान, अबतक 90 लोगों की हो चुकी है मौत
जयपुर। राजस्थान में फिर स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। बरसात के मौसम में पहली मौत कोटा में दर्ज हुई है। ताजा मामले में दुखद यह है कि मरनेवाली महिला आठ माह से गर्भवती थी। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। गौरतलब है कि इस साल मरने वालों की संख्या अब तक 90 हो चुकी है। साल के शुरूआती दो महीनों के भीतर ही स्वाइन फ्लू से करीब 88 मौतें हो चुकी थीं।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में एक साल के भीतर दूसरी बार स्वाइन फ्लू ने पैर पसारे हैं। पहले जनवरी और फरवरी में पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू का तांडव हुआ और पिछले साल के मुकाबले मरने वालों की संख्या बढ़कर 89 हो गई थी। अब कोटा में हुई मौत ने मरने वालों की आंकड़ा 90 पहुंचा दिया है। कोटा जिले में इस महिला की मौत ने इस साल स्वाइन फ्लू से दम तोड़ने वालों का आंकड़ा 10 पहुंचा दिया है।
ताजा मामले के अनुसार मरने वाली महिला का नाम बबली है। उसे आठ माह का गर्भ था। वह रामगंज मंडी स्थित मोड़क तहसील के पीपल्दा गांव की रहने वाली है। तबीयत खराब होने पर उसे झालावाड़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां जांच में 29 अगस्त को स्वाइन फ्लू की पुष्टी हुई थी। इसके बाद 30 अगस्त को परिजन उसे कोटा ले आए और एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार झालावाड़ में ही उसकी स्थिति गम्भीर हो गई थी।
प्रदेश
में
अब
तक
के
ये
रहे
हालात,
विधायक
की
हुई
मौत
राजस्थान
के
दर्जनों
परिवारों
के
लिए
साल
की
शुरुआत
बहुत
बुरी
रही।
यहां
स्वाइन
फ्लू
ने
मौत
का
खेल
खेला
था।
जयपुर
सहित
विभिन्न
जिलों
में
मरनेवालों
की
संख्या
89
हो
गई
थी
और
हजार
लोग
संक्रमित
थे।
सबसे
अधिक
मामले
राजधानी
जयपुर
में
ही
सामने
आए
थे।
अकेले
जयपुर
में
दो
महीनों
में
ही
28
लोगों
की
मौत
इस
बीमारी
की
वजह
से
हो
चुकी
है।
यहां
विधायक
अमृता
मेघवाल,
कीर्ति
कुमारी
और
नरपत
सिहं
राजवी
इस
रोग
की
चपेट
में
आ
चुके
हैं।
इनमें
से
कीर्ति
कुमारी
की
इस
बीमारी
से
मौत
भी
हो
चुकी
है।
इसके
बाद
राज्यपाल
कल्याण
सिंह
की
स्वाइन
फ्लू
रिपोर्ट
पॉजिटिव
आने
को
लेकर
विवाद
रहा।
अलग-अलग
अस्पतालों
की
अलग-अलग
रिपोर्ट
आईं।
किसी
ने
पॉजिटिव
तो
किसी
ने
निगेटिव
बताया।
ये भी पढ़ें- राहुल की अमेठी अब स्मति के लिए बनी तीर्थ स्थान, गांधी के लिए इस तरह कठिन होगा 2019