पंजाब कांग्रेस में मचा सियासी बवाल, मनीष तिवारी ने हरीश रावत-सिद्धू पर बोला हमला
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर पलटवार किया है। रविवार की सुबह ट्विटर पर कांग्रेस नेता ने सार्वजनिक रूप से अपनी पार्टी और पंजाब में राज्य सरकार की आलोचना की। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि पंजाब कांग्रेस में "अराजकता और अव्यवस्था" है। मनीष तिवारी, 23 नेताओं में से एक, जिन्होंने पिछले साल पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें व्यापक संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी।
राज्य पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने भी आज सुबह कई ट्वीट पोस्ट कर संकेत दिया कि चरणजीत सिंह चन्नी सरकार "वास्तविक मुद्दों" पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है।हाल ही में पार्टी के पंजाब प्रभारी महासचिव हरीश रावत के एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए मनीष तिवारी ने पार्टी की राज्य इकाई पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट्स में कहा, कांग्रेस में अपने 40 साल से अधिक समय में, मैंने ऐसी अराजकता और अव्यवस्था कभी नहीं देखी, जो आज पंजाब कांग्रेस में चल रही है।
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नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एक क्षेत्रीय अध्यक्ष द्वारा पार्टी की केंद्रीय समिति की "बार-बार खुली अवहेलना" की गई, और सहयोगी सार्वजनिक रूप से "बच्चों की तरह" एक दूसरे के साथ झगड़ा कर रहे थे। हरीश रावत के एक इंटरव्यू का जिक्र करते हुए तिवारी ने उनके नेतृत्व में कांग्रेस में अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह की लड़ाई को नहीं सुलझाने का आरोप लगाया।
तिवारी ने कहा कि जिस समिति ने प्रत्यक्ष रूप से कथित और वास्तविक शिकायतों को सुना, उसके निर्णय में एक गंभीर त्रुटि थी। उन्होंने पूछा कि पार्टी विधायकों और अन्य गणमान्य लोगों को उत्तेजित करने वाले मुद्दों पर अब तक क्या प्रगति हुई है? लूट, ड्रग्स, अवैध रेत खनन जैसे मुद्दों का क्या हुआ? क्या इस दिशा में कुछ भी प्रगति हुई? तिवारी ने कहा, सीएम बनाम पीसीसी अध्यक्ष की लड़ाई में क्या आपको लगता है कि पंजाब के लोग इस डेली सोप ओपेरा से घृणा नहीं करते होंगे? विडंबना यह है कि जिन लोगों ने सबसे अधिक उल्लंघन की शिकायतें की, दुर्भाग्य से वे सभी स्वयं सबसे खराब अपराधी बने हुए हैं।
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आपको बताते चलें कि, हरीश रावत ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि मनीष तिवारी जी हमारे बहुत वरिष्ठ नेता हैं, बहुत सक्षम, बुद्धिमान हैं लेकिन उन्हें पंजाब की जमीनी स्थिति को समझना चाहिए. यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि सरकार के बने रहने का भी मामला है। जब विधायक बगावत कर रहे होते हैं तो सरकार की स्थिरता खतरे में पड़ जाती है...माननीय सीएम (सिंह) ने शायद ही कभी सीएलपी की बैठक बुलाई हो, या अपने विधायकों के साथ इन मुद्दों को संबोधित किया हो।