पंजाब: कांग्रेस के लिए क्यों 'सियासी बूस्टर' साबित हो सकता है फिरोजपुर मामला, ये हैं 5 बड़े सबूत
पीएम मोदी के रैली रद्द होने के बाद पंजाब में सियासत सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से फिरोज़पुर मामले में खुद का काउंटर किया है।
चंडीगढ़,
10
जनवरी
2022।
पीएम
मोदी
के
रैली
रद्द
होने
के
बाद
पंजाब
में
सियासत
सरगर्मियां
बढ़ी
हुई
हैं।
भारतीय
जनता
पार्टी
ने
पंजाब
कांग्रेस
को
घेरना
शुरू
कर
दिया
है
लेकिन
कांग्रेस
ने
जिस
तरह
से
फिरोज़पुर
मामले
में
खुद
का
काउंटर
किया
है।
चुनाव
में
कांग्रेस
का
यह
क़दम
पार्टी
के
लिए
'सियासी
बूस्टर'
साबित
हो
सकता
है।
पंजाब
कांग्रेस
ने
भारतीय
जनता
पार्टी
को
उन्हीं
की
तर्ज़
पर
जवाब
दे
रही
है।
कांग्रेस
की
तरफ़
से
काउंटर
के
किए
गए
कुछ
तथ्यों
से
आज
हम
आपको
रूबरू
कराने
जा
रहे
हैं
जो
कि
पंजाब
में
कांग्रेस
को
सियासी
फ़ायदा
पहुंचा
सकती
है।
कांग्रेस
ने
जिस
तरह
से
दलित
कार्ड
खेला
है
इससे
भी
भाजपा
का
सियासी
समीकरण
बिगड़
सकता
है।
आगामी
चुनाव
वोटो
का
ध्रुवीकरण
हो
सकता
है
जो
कि
भारतीय
जनता
पार्टी
की
मुश्किले
बढ़ा
सकता
है।
‘दलित मुख्यमंत्री BJP को बर्दाश्त नहीं’
पीएम के सुरक्षा चूक मामले में भाजपा के काउंटर के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को आगे करते हुए कांग्रेस ने दलित कार्ड खेल दिया है। कांग्रेस की राष्ट्री प्रवक्ता सुप्रिया सुप्रिया श्रीनाटे ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा को दलित सीएम बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ग़रीब, दलित, वंचित समाज का बेटा मुख्यमंत्री बन्ना यह भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रहा है, भाजपा को यह बर्दाश्त करने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि कांग्रेस वंचित वर्गों के लोगों को आगे बढ़ाती रहेगी। दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात भारतीय जनता पार्टी को गले नहीं उतर रही है,जिस तरह से चन्नी ने लोकप्रियता हासिल की वह भारतीय जनता पार्टी नहीं देख पा रही है।यही वजह है कि ग़लत आरोप लगाते हुए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस ने अपनाया ज्यादा आक्रामक रुख
पंजाब कांग्रेस ने कृषि कानूनों पर भाजपा के लिए किसानों की नाराजगी के बाद अब फिरोजपुर मामले में अन्य दलों के मुक़ाबले में कांग्रेस ने ज्यादा आक्रामक रुख अपनाया। कांग्रेस के इस क़दम से भाजपा विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस के लिए होगा। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी की जान को कोई खतरा नहीं था। रैली स्थल पर भीड़ जमा नहीं होने की वजह से पीएम मोदी ने सुरक्षा में चूक का झूठा बहाना बनाते हुए रैली रद्द करवा दी। 70 हज़ार कुर्सियां लगाई गईं लेकिन रैली में सिर्फ़ 700 लोग मौजूद थे। पंजाबियों ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के घमंडी नेताओं को सबक सिखाने का मन बना लिया है। भाजपा का यह फ्लॉप शो इसी का झलक था। उन्होंने कहा आरोप लगाया कि झूठे बहाने कर पंजाब को बदनाम करने और राज्य में लोकतंत्र की हत्या करने की पीएम मोदी ने एक बड़ी साजिश की।
सिद्धू और चन्नी ने संभाला मोर्चा
फिरोजपुर मामले के बहाने कांग्रेस कुछ हद तक गुटबाज़ी से बाहर निकलते हुए एक साथ सिद्धू-चन्नी ने आगे बढ़कर किसानों के मुद्दे पर मोर्चा संभालते हुए नज़र आए। भारतीय जनता पार्टी के नेता पीएम मोदी की लंबी आयु के लिए पूजा करवा रहे हैं, मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। उसी तरह पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कहा कि पीएम मोदी की जान का ख़तरा है तो उनके लिए मैं खुद बगलामुखी का मंत्र बोल देता हूं। इससे उनकी सेहत अच्छी रहेगी और दुश्मन आगे नहीं आएंगे। सीएम चन्नी ने कहा कि अगर पीएम मोदी के लिए मैं मंगलवार को अपने घर में खुद पाठ करवाऊंगा और खुद ही मंत्र का जाप भी करूंगा। उन्होंने कहा की पीएम मोदी के काफिले के साथ केंद्र की सारी सिक्योरिटी होती है। देश की इतनी अच्छी फौज और सिक्योरिटी के बावजूद पीएम की जान को खतरा कैसे हो सकता है? कोई सियासी वजह से खतरा बना ले तो वो अलग ही बात है। यह सिर्फ पंजाब और पंजाबियत को नीचा दिखाने के लिए सियासत की गई है। पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के आरोपों पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक साल तक प्रदर्शन करते रहे, पीएम मोदी 15 मिनट तक इंतजार करने से परेशान हो गए।
वीडियो जारी कर कांग्रेस ने दिया जवाब
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए रैली में खाली कुर्सियों के फोटो और फ्लाईओवर पर भाजपा नेताओं की भीड़ के वीडियो जारी कर दिया। इससे भी भाजपा को सोशल मीडिया पर जवाब देने में कांग्रेस एक कदम आगे निकल गई। पंजाब में पीएम मोदी के काफिले की सुरक्षा में कथित चूक वीडियो जारी कर कांग्रेस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी काफिले के पास मौजूद ही नहीं थे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि भाजपा समर्थकों का एक समूह काफिले से कुछ मीटर की दूरी पर है। पार्टी का झंडे पकड़े भाजपा समर्थक 'नरेंद्र मोदी जिंदाबाद' के नारे लगाते भी दिख रहे हैं। वहीं एसपीजी के कर्मी प्रधानमंत्री मोदी की कार के चारों ओर सुरक्षा ढाल बनाते हुए भी नज़र आ रहे हैं। नये वीडियो के सामने आने के बाद सब कुछ पानी की तरह साफ़ हो गया है। सुप्रिया श्रीनाटे इस मामले में राजनीति का करने का आरोप लगाते हुए तूल देने की बात कही है। कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा नेता ने दावा किया कि फिरोजपुर रैली में भीड़ नहीं जुटी थी। रैली में लोगों के नहीं आने से ध्यान भटकाने के लिए पूरी कहानी बनाई गई।
BJP और कैप्टन की बढ़ सकती है मुश्किलें
कृषि कानूनों की वापसी और करतारपुर कॉरिडोर खोलने के फैसले से भाजपा ने पंजाब में नाराजगी कम करने की कोशिश की थी। पंजाब में भाजपा के लिए सियासी समीकरण भी बदले थे लेकिन फिरोजपुर मामले में जिस तरह भाजपा को कांग्रेस ने काउंटर किया है कही न कही भाजपा के लिए एक बार फिर पहले जैसा माहौल बन सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। करतारपुर कॉरिडोर खोलने और कृषि कानूनों की वापसी के बाद पंजाब में भाजपा के सियासी समीकरण बदले थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी सियासी पार्टी बनाने के भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया । लेकिन अब कांग्रेस ने जिस तरह से पलटवार किया है इससे दोबारा से पंजाब में अब भारतीय जनता पार्टी औऱ कैप्टन की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही है। कृषि कानूनों की वापसी और करतारपर बॉर्डर खोलने के बाद भाजपा के लिए पंजाब में रास्ता खुला था लेकिन फिरोजपुर मामले के बाद दोबारा से भाजपा का जनाधार खिसकता हुआ नज़र आ रहा है।
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