पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले विवादों में नहीं घिरना चाहती चन्नी सरकार, इसलिए वापस लिया ये फ़ैसला
सिख फॉर जस्टिस के सदस्य अवतार पन्नू के भाई बलविंदर पन्नू को जेनको के चेयरमैन पद की ज़िम्मदेरी देने के बाद से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी विपक्षी दलों के निशाने पर थे।
चंडीगढ़,
8
दिसम्बर
2021।
पंजाब
कांग्रेस
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
किसी
भी
विवादों
में
घिरना
नहीं
चाह
रही
है।
इसलिए
पंजाब
सरकार
ने
बलविंदर
पन्नू
कोटलाबामा
की
पंजाब
एनर्जी
डेवलपमेंट
एजेंसी
से
जुड़े
जेनको
के
चेयरमैन
पद
से
हटा
दिया
है।
सिख
फॉर
जस्टिस
के
सदस्य
अवतार
पन्नू
के
भाई
बलविंदर
पन्नू
को
जेनको
के
चेयरमैन
पद
की
ज़िम्मदेरी
देने
के
बाद
से
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
विपक्षी
दलों
के
निशाने
पर
थे।
इसके
साथ
ही
पंजाब
कांग्रेस
के
नेताओं
ने
भी
बलविंदर
पन्नू
की
नियुक्ति
पर
आपत्ती
दर्ज
की
थी।
बलविंदर पन्नू की चेयरमैन पद से छुट्टी
अवतार सिंह पन्नू के भाई बलविंदर सिंह पन्नू की जगह पर अब धनजीत सिंह विर्क को जेनको का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। पंजाब के सियासी गलियारों में चर्चाएं थीं कि बलविंदर पन्नू पंजाब को वरिष्ठ मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के करीबी होने की वजह से चेयरमैन की कुर्सी मिली थी। ग़ौरतलब है कि बलविंदर सिंह पन्नू की नियुक्ति पर विपक्षी दलों के नेताओं ने सीएम चन्नी पर निशाना साधा था उसके साथ ही पंजाब कांग्रेस के नेता अश्वनी शेखड़ी और कांग्रेस विधायक फतेहजंग बाजवा ने भी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।
फतेहजंग बाजवा ने खोला था मोर्चा
पंजाब सरकार के बलविंदर पन्नू की नियुक्ति के बाद से पार्टी के अंदर ही गुटबाजी शुरू हो गई थी। कादियां से कांग्रेस विधायक फतेहजंग बाजवा ने सबसे पहले सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। फतेहजंग बाजवा ने अपात्ति जताते हुए कहा था कि जिस खालिस्तानी संगठन (सिख फॉर जस्टिस) को सरकार ने बैन कर रखा है। उसी के सदस्य के भाई को पंजाब सरकार ने जेनको का चेयरमैन बना दिया है। कनाडा में राष्ट्रीय जांच एजेंसी अवतार सिंह पन्नू उन पर कार्रवाई कर रही है। उन्हीं भाई को पंजाब जेनको का चेयरमैन बनाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है।
अश्विनी शेखड़ी ने भी जताई थी आपत्ती
कांग्रेस नेता अश्विनी शेखड़ी ने कहा कि सिख फॉर जस्टिस संगठन पर भारत में बैन है। अवतार पन्नू के भाई बलविंदर पन्नू के अगर मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के साथ ताल्लुक़ात हैं तो इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी इस मामले की जांच करे। यहां तक की अश्नी शेखड़ी ने जांच की मांग करते हुए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा का इस्तीफा तक मांग लिया था। आपको बता दें कि सिख फॉर जस्टिस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भारत में बैन लगा रखा है। अवतार सिंह पन्नू इस संगठन के विश्व स्तर जेनरल सेक्रेट्री हैं, बलविंदर सिंह पन्नू उन्हीं के भाई हैं।
भारत में प्रतिबंधित है सिख फॉर जस्टिस संगठन
पंजाब सरकार के बलविंदर पन्नू को जेनको का चेयरमैन बनाते ही पंजाब में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई थी। विपक्षी दलों ने विशाना साधते हुए कहा था कि जिस संगठन के भारत में आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंध लगाया जा चुका है तो उस संगठन से ताल्लुक रखने वाले के भाई को पंजाब सरकार ने चेयरमैन पद की ज़िम्मेदारी क्यों दी है। भारत सरकार सिख फॉर जस्टिस संगठन को ग़ैर कानूनी करार दे चुकी है, इसके सदस्यों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी सख्ती से निगरानी रखे हुए है। इस संगठन का हेडक्वार्टर यूएस में होने के बावजूद इनका हेड गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत के नेताओं को धमकाने के साथ कई मामलों में विवादों के घेरे में है। हालांकि बलविंदर पन्नू ने सारे आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि अवतार पन्नू उनका भाई है लेकिन उससे हम लोगों के कोई ताल्लुक नहीं है।
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