पंजाब विधानसभा चुनाव: AAP ने मजीठा हलके से लाली को बनाया उम्मीदवार, कांग्रेस की बढ़ी चिंता
पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी सियासी पार्टियां सियासी ज़मीन मज़बूत करने में जुटी हुई हैं। पंजाब में चुनावी सरगर्मियां तेज़ होते ही सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।
चंडीगढ़,
04
जनवरी
2022।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
सभी
सियासी
पार्टियां
सियासी
ज़मीन
मज़बूत
करने
में
जुटी
हुई
हैं।
पंजाब
में
चुनावी
सरगर्मियां
तेज़
होते
ही
सत्ता
में
वापसी
के
लिए
कांग्रेस
मतदाताओं
को
लुभाने
की
कोशिश
कर
रही
है।
वहीं
दूसरी
ओर
विधानसभा
चुनाव
से
ठीक
पहले
पंजाब
कांग्रेस
में
बग़ावती
सुर
भी
तेज़
होने
लगे
हैं।
पंजाब
कांग्रेस
के
नेता
आपस
में
ही
एक
दूसरे
पर
ही
कटाक्ष
कर
रहे
हैं।
इसके
साथ
कांग्रेस
के
नेता
पार्टी
का
दामन
छोड़ते
हुए
दूसरी
राजनीतिक
पार्टियों
का
दामन
थाम
रहे
हैं।
पंजाब
कांग्रेस
के
मौजूदा
विधायकों
के
इस्तीफ़ा
देने
के
बाद
वरिष्ट
कांग्रेस
नेता
सुखविंदर
राज
सिंह
लाली
ने
पंजाब
स्टेट
ग्रेन्स
प्रोक्योरमेंट
कॉरपोरेशन
लिमिटेड
के
अध्यक्ष
और
निदेशक
पद
से
इस्तीफा
दे
दिया
और
हाल
ही
में
उन्होंने
आम
आदमी
पार्टी
का
दामन
थाम
लिया
।
पंजाब कांग्रेस से नाराज चल रहे थे लाली
सुखविंदर राज सिंह लाली ने निजी कारण का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था। सूत्रों की मानें तो लगातार 5 साल से उपेक्षित रखे जाने से वह पंजाब कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। इस बार वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें यह ख़बर निल चुकी थी कि कांग्रेस की तरफ़ से उन्हें टिकट नहीं मिल रहा है। इसलिए उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पंजाब कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था। आम आदमी पार्टी सुखविंदर सिंह लाली को पार्टी की सदस्यता दिला दी। मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए मजीठा हलका से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ग़ौरतलब है कि मजीठा विधानसभा में अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पकड़ काफ़ी मज़बूत थी, लेकिन ड्रग्स केस की वजह से उनका जनाधार खिसक गया है। बिक्रम सिंह मजीठिया के बाद मजीठा हलके में सुखविंदर राज सिंह लाली की पकड़ अच्छी है।
लाली ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
पंजाब के सियासी जानकारों की माने तो लाली मजीठा विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर सकते हैं। लाली के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की वजह से पंजाब कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि पंजाब कांग्रेस के पास लाली के खिलाफ़ चुनावी मैदान में उतारने के लिए कोई दमदार चेहरा नहीं है। आपको बता दें कि 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सुखविंदर राज सिंह लाली ने मजीठा हलका से कांग्रेस की टिकट पर चुनावी रण में दांव खेला था। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इस बात से नाराज होकर चुनावी रण में उन्होंने निर्दलीय ताल ठोक दी थी और कांग्रेस प्रत्याशी से ज्यादा वोट हासिल किया था। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में दोबारा से वह कांग्रेस की टिकट पर चुनावी रण मे बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ उतरे थे।
सिद्धू की वजह से पार्टी छोड़ रहे नेता !
पंजाब स्टेट ग्रेन्स प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष और निदेशक पद से इस्तीफा देने के वक्त सुखविंदर राज सिंह लाली ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वह इस जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे हैं। लेकिन उन्होंने पहले ही मन बना लिया था कि वह कांग्रेस को अलविदा कहते हुए आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे। आपको बता दें कि सुखविंदर राज सिंह लाली हलका मजीठा से वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। इस हलके से वह तीन बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। कैप्टन सरकार में साढे़ चार साल तक सुखविंदर सिंह लाली को कोई पद नहीं दिया गया, सरकार के कार्यकाल कुछ महीने चेयरमैन का पद दिया गया जिस बात से वह नाराज़ चल रहे थे। पंजाब के सियासी गलियारों में यह चर्चा भी जोरों पर है कि नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है।
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