मंकी पॉक्स के खतरे के बीच सरकार ने अमृतसर मेडिकल कॉलेज की लैब्रोटरी को टेस्टिंग की जिम्मदारी दी
अमृतसर। कोरोना संक्रमण के बीच मंकी पॉक्स का खतरा मंडराने लगा है। इस खतरे के मद्देनजर सरकार ने अमृतसर सरकारी मेडिकल कॉलेज की वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब्रोटरी को टेस्टिंग की जिम्मदारी दे दी है। इसी के साथ वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब्रोटरी अब देश की उन 15 लैबों में शुमार हो गई है, जहां पर इसकी टेस्टिंग होगी। वहीं, दूसरी तरफ मेडिकल एजुकेशन और सेहत विभाग ने बीमारी से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
वायरल रोग से निपटने की इसी कोशिश के तहत दोनों ही विभागों के अधिकारियों ने सेंसेटाइजेशन वर्कशाप का आयोजन कर इसके कारण-निवारण, टेस्टिंग समेत रोकथाम के विविध पहलुओं बारे जानकारी शेयर की। इंडियन कौंसिल अॉफ मेडिकल रिसर्च ने मंकी पॉक्स के खतरे के मद्देनजर अलर्ट जारी करते हुए मेडिकल कॉलेज अमृतसर की उक्त लैब को नामित किया है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. केडी सिंह ने बताया कि अभी यह कहा गया है कि कोई भी टेस्ट यहां नहीं होने हैं। सैंपल लेकर पुणे स्थित नेशनल इंस्टीच्यूट अॉफ वायरोलॉजी को भेजना है। जब निर्देश आ जाएगा तो टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी।
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डॉ. केडी सिंह ने बताया कि मंकी पॉक्स एक वायरल डिजीज है। यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर फैलता है। शरीर पर लाल रंग के दाने, निमोनिया, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, अत्यधिक थकान, तेज बुखार आना, एनर्जी में कमी होना, स्किन में लाल चकते पड़ना आदि है।