पुणे के मलिन गांव में भूस्खलन: कैसे होगा 150 लाशों का अंतिम संस्कार
पुणे। शहर से करीब 110 किलोमीटर दूर मलिन गांव में भूस्खलन के बाद मची तबाही में शवों के निकाले जाने का सिलसिला जारी है। बुधवार की दोपहर से शुरू हुए बचाव कार्य में अब तक 22 लाशें निकाली जा चुकी हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि भारी बारिश के बीच इतने ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कैसे किया जायेगा।
अंतिम संस्कार एक दो नहीं बल्कि हो सकता है 100 से ज्यादा लाशों का करना पड़े, क्योंकि अभी भी 150 से ज्यादा लोग लापता हैं। हालांकि गांव के कुछ हिस्सों में जहां ज्यादा तबाही नहीं मची है, वहां पर मलबे के नीचे से देर रात कई जिंदा लोगों को भी निकाला गया है। दुर्गम रास्ता होने की वजह से सरकारी बचाव दलों को यहां पहुंचने में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ीं, हालांकि एनडीआरएफ की नौ टीमें पहुंच चुकी हैं।
हादसे में 50 से ज्यादा मकान मलबे में तब्दील हो गये हैं। यह वो जगह है, जहां पर मोबाइल का नेटवर्क भी ठीक तरह से नहीं आता है। तस्वीरों के साथ हादसे से जुड़े तथ्य देखें स्लाइडर में।
तबाही का मंजर
तबाही इस कदर मची है कि गीली मिट्टी के नीचे तमाम जिंदा लोग जो बच सकते थे, वो भी मौत के आगोश में चले गये।
लाइफ डिटेक्टर मशीनें
लाइफ डिटेक्टर मशीनें लगायी गई हैं, जो शव की धड़कों को सुनकर पता लगा लेती हैं, कि व्यक्ति जिंदा है या मर गया।
राजनाथ व शरद पवार करेंगे दौरा
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे।
नहीं हुआ अंतिम संस्कार तो
यहां पर अगर इतनी भारी संख्या में लाशों का अंतिम संस्कार समय से नहीं हुआ तो बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जायेगी।
सड़ने लगी हैं लाशें
बारिश के पानी की वजह से मलबे में दबी लाशें सड़ने लगी हैं। जगह-जगह बदबू आनी शुरू हो गई है।
रुक गई थी बारिश
बारिश रुक जाने की वजह से कल राहत कार्य में थोड़ी आसानी हुई थी, जिसके बाद 18 शव निकाले गये थे।
आज भारी बारिश
सुबह से मूसलाधार बारिश हो रही है, इस वजह से राहत कार्य में खासी दिक्कतें आ रही हैं।
चारों तरह गमगीन माहौल
पूरे मलिन गांव में माहौल गमगीन हो गया है। आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, और परिजनों की खबर लेने के लिये लोग परेशान हैं।
तबाह कर दिया
भारी बारिश और भूस्खलन ने पुणे के एक पूरे गांव को तबाह कर दिया।
कंट्रोल रूम बनाया गया
डीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। देर रात मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया