Video: मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद बोला जेयूडी पर बैन के खिलाफ कोर्ट जाएंगे
लाहौर। मोस्ट वांटेंड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद ने अपनी दो संस्थाओं पर लगे बैन पर प्रतिक्रिया दी है। हाफिज ने कहा है कि वह अपनी संस्थाओं पर लगे बैन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा। गुरुवार को पाक पीएम इमरान खान ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) की एक मीटिंग की अध्यक्षता की थी। इस मीटिंग में फैसला लिया गया था कि लश्कर-ए-तैयबा की दो संस्थाओं जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ए-इंसानियत (एफआईएफ) को बैन किया जाएगा। दोनों को ही चैरिटी संस्था माना जाता है।
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वीडियो में कहा दबाव में लिया गया फैसला
हाफिज ने एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में हाफिज सईद ने कहा है कि वह बैन के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेगा। हाफिज ने वीडियो में कहा है कि पाकिस्तान की सरकार ने दबाव में आकर यह फैसला लिया है। हाफिज की मानें तो इमरान की सरकार का यह फैसला न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी खतरनाक है। हाफिज ने कहा है कि पाक की सरकारें हमेशा उसके पीछे रही हैं लेकिन उसका कभी कुछ नहीं कर पाएगा। पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले इन संस्थानों पर से बैन हटा लिया था। गुरुवार को फिर से यह फैसला लिया गया और पाक के आतंरिक मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों में तनाव
जेयूडी और एफआईएफ पर बैन ऐसे समय आया है जब भारत और पाक के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद तनाव काफी बढ़ गया है। हमले के बाद एलओसी पर भी तनाव बढ़ गया है। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जेयूडी के प्रवक्ता याहया मुजाहिद ने भी कहा है कि बैन के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ी जाएगी।
मुंबई हमलों में अपना हाथ होने से इनकार करता हाफिज
भारत और अमेरिका दोनों ने ही लश्कर को कई आतंकी हमलों को दोषी बताया है। इस संगठन ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमलों को अंजाम दिया था जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने हाफिज सईद पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित किया है। सईद हमेशा ही मुंबई हमलों में अपना हाथ होने से इनकार करता आया है। वह यह तक कह चुका है कि उसका इन हमलों से कोई लेना-देना नहीं है। लश्कर को तो हमलों के बाद बंद कर दिया गया लेकिन जेयूडी और एफआईएफ लगातार अपना काम करते रहे।