मोदी सर की क्लास, कहीं हुए पास तो कहीं हो गए फेल
नयी दिल्ली(बवीता झा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस के मौके पर देश भर के बच्चों के सवालों के जवाब दिए। कुछ बच्चों ने उनसे दिलचस्प सवाल पूछे, जिनके उन्होंने कुछ ऐसे जवाब दिए कि सारा हॉल ताली बजाने पर मजबूर हो जाए। मोदी बच्चों के साथ बच्चे बन गए थे। उन्होंने अपने बचपन की बातों का जिक्र किया तो छात्रों को पसीना बहाने का ज्ञान भी दिया।
मोदी का ये रुप देखकर लगा कि उन्हें बच्चों से कितना प्यार है। कई बच्चे को उन्हें चाचा नेहरु की संज्ञा दे रहे हैं। पीएम के इतने करीब पहुंचकर छात्रों ने मोदी से अपनापन लगने लगा है। पीएम मोदी की स्पीच के दौरान वनइंडिया की टीम ने अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों और शिक्षकों से इस बारे में बात की। उनसे जानना चाहा कि मोदी के भाषण को सुनकर उन्हें कैसा लगा। हर बच्चे का जवाब जहां सकारात्मक लगा तो वहीं शिक्षक कुछ निराश दिखें।
मोदी की इस पूरी चर्चा के दौरान एक बात और अच्छी रही कि उनकी बातों में कहीं भी राजनीति नहीं झलकी। शिक्षक और बड़ी कक्षाओं के छात्रों ने इस बात की जहां सहारना की तो वहीं छोटे बत्चे जिन्हें मोदी के इस 1 घंटा 45 मिनट तक चले भाषण को सुनने के लिए दोपहर के 1 बजे से शाम के 5 बजे तक रोका गया था वो काफी निराश लगे। क्लास तीसरी-चौथी के बच्चे को पीएम की बातों को समझ तक नहीं पाए।। वहीं उन्हें संभाल रहे टीचर्स ने भी माना कि छोटे बच्चों को मोदी के इस स्पेशल सेशन में आंनद नहीं आया।
द्वारका स्थित मॉर्डन कॉन्वेंट स्कूल की 5वीं कक्षा में पढ़ने वाला सार्थक पीएम मोदी के इस स्पीच को सुनने में कुछ खास रुचि नहीं ले रहा था। जब उससे हमने पूछा कि आपको मोदी की बातें कैसे लगी तो बड़े भोलेपन के साथ उसने कहा कि मेरी समझ में कुछ नहीं आया। वहीं शिक्षकों ने भी उम्मीद बांध रखी थी कि मोदी अपने भाषण में टीचर्स के लिए कुछ कहेंगे। कोई नई घोषणा करेंगे। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। द्वारा के सेक्टर 13 स्थित एमआरवी स्कूल की शिक्षिका मीना मदान से कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मोदी प्राइवेट स्कूल के टीचर्स के लिए कुछ घोषणाएं करेंगे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
वहीं द्वारका सेक्टर 4 मॉर्डन कॉन्वेंट स्कूल की प्रिसिपल शीतल मान ने मोदी के इस कदम की सहारना करते हुए इसे सकारात्मक बताया है। उन्होंने आश्वसान भी दिया है कि मोदी की कहीं बातों को वो अपने स्कूल में लागू करेंगी। जहां इस मौके पर मोदी ने बच्चों के मासूम सवालों का बड़ी ही खूबसूरती से जवाब दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने सिर्फ अपने बारे में बात की। छात्रों के सामने तमाम उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने बताया की जीवन में तरक्की के साथ-साथ अनुशासन के क्या मायने हैं? छात्र जीवन के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए। वहीं शिक्षकों को कुछ निराशा हाथ लगी है।