'फटी जींस' बयान पर जया बच्चन का तीरथ सिंह रावत को जवाब, कहा- एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान शोभा नहीं देता
मुंबई। एक हफ्ते पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले तीरथ सिंह रावत द्वारा लड़कियों के कपड़ों पर बयान देकर सुर्खियों में हैं। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ काफी नाराजगी देखने को मिली रही है। तो वहीं, अब समाजवादी पार्टी से सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन ने तीरथ सिंह रावत के बयान की निंदा की है और कहा है कि एक मुख्यमंत्री को ऐसी बात करना शोभा नहीं देती हैं। इससे पहले जया बच्चन की पोती नव्या नवेली नंदा ने भी तीरथ सिंह के बयान पर निराशा व्यक्त की है।

एक सीएम का ऐसा बयान नहीं देता शोभा: जया बच्चन
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए समाजवादी पार्टी से सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन ने कहा कि 'इस तरह का बयान एक प्रदेश मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता। ऊंचे पद पर बैठे लोगों को सोच समझकर पब्लिक स्टेटमेंट देना चाहिए। आज के जमाने में आप इस तरह की बात करते है और कपड़े से आप निर्णय लेंगे कि कौन संस्कारी है.. कौन नहीं।'

तीरथ सिंह रावत के बयान पर नव्या नवेली नंदा ने भी निराशा व्यक्त की
सीएम तीरथ सिंह रावत के इस बयान पर अमिताभ बच्चन की पोती नव्या नवेली नंदा ने निराशा व्यक्त की है। इंस्टाग्राम स्टोरी के माध्यम से नव्या ने सीएम के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। नव्या ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा WTF! हमारे कपड़े बदलने से पहले अपनी मानसिकता बदलें क्योंकि यहां हैरान करने वाली चीज सिर्फ ऐसे मेसेज और कॉमेंट्स हैं जिन्हें समाज में भेजा जा रहा है।' इसके बाद नव्या ने इस पोस्ट में गुस्से वाला ईमोजी भी बनाया।

नव्या ने शेयर की फटी जीन्स वाली फोटो, बोलीं-गर्व से पहनूंगी
इतना ही नहीं, नव्या ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से ये सवाल पूछा कि क्या वो सही माहौल उपलब्ध करा सकते हैं। नब्या ने इसके बाद एक और स्टोरी शेयर की। उन्होंने इसमें फटी हुई जीन्स पहने अपनी एक पुरानी फोटो डाली। नव्या ने कहा कि 'मैं अपनी फटी जीन्स पहनूंगी। थैंक्यू। और मैं उन्हें गर्व से पहनूंगी।'

तीरथ सिंह रावत ने दिया था विवादित बयान
आपको बता दें कि मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत फटी जींस पहनने वाली महिलाओं के संस्कार पर उठाया सवाल थे। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले दिनों एक कार्यक्रम के लिए बाहर गया था और आते समय जब जहाज में बैठा तो मेरे पड़ोस में एक बहनजी बैठी थीं। जब मैंने उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे...हाथ देखे तो कई कड़े थे। उनके साथ दो बच्चे थे। मैंने पूछा, बहनजी कहां जाना है, बोलीं- दिल्ली जाना है। मैंने पूछा हसबैंड कहां है, बोलीं- जेएनयू में प्रोफेसर हैं। मैंने पूछा- आप क्या करती हैं, बोलीं- मैं एनजीओ चलाती हूं। एनजीओ चलाती हैं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार दोगी?'