नदी में पानी पीने गए 14 साल के किशोर पर मगरमच्छ ने किया हमला, ग्वालियर ले जाते समय किशोर ने तोड़ा दम।
चंबल नदी में पानी पीने उतरे किशोर पर मगरमच्छ ने किया हमला, गंभीर घायल किशोर की अस्पताल ले जाते वक्त हुई मौत
मुरैना, 13 मई। चंबल नदी में पानी पीने के लिए उतरे 14 साल के एक किशोर पर मगरमच्छ ने हमला बोल दिया। मगरमच्छ ने किशोर की बांह को अपने जबड़े में जकड़ लिया। किशोर ने संघर्ष करते हुए खुद को छुड़ाया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों ने मगरमच्छ पर लाठी-डंडे से हमला करते हुए उसे नदी में वापस भगा दिया। किशोर को उपचार के लिए ग्वालियर ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
दरअसल मुरैना जिले के अंबाह इलाके में स्थित बिचपरी गांव का रहने वाला 14 साल का मयंक सिंह तोमर अपने दोस्तों के साथ गांव से गुजरने वाली चंबल नदी पर पहुंचा था। यहां जब मयंक को प्यास लगी तो मयंक पानी पीने के लिए नदी में उतर गया। मयंक जब पानी पी रहा था तभी नदी के पानी में मौजूद मगरमच्छ ने मयंक पर हमला करते हुए मयंक की एक बांह को अपने जबड़े में जकड़ लिया। मगरमच्छ द्वारा पकड़े जाने पर मयंक दर्द से तिलमिला उठा। मगरमच्छ ने मयंक के बांह के मांस को काटना शुरू कर दिया। दर्द से तड़पते हुए मयंक ने मगरमच्छ के साथ जमकर संघर्ष किया और बड़ी मुश्किल से खुद को मगरमच्छ के जबड़े से मुक्त कराया।
वहां
मौजूद
अन्य
लोगों
ने
मगरमच्छ
पर
किया
लाठी-डंडों
से
हमला
जैसे
ही
मयंक
मगरमच्छ
के
चंगुल
से
छूट
कर
दूर
गिरा
तो
वहां
मौजूद
गांव
के
अन्य
लोगों
ने
मगरमच्छ
पर
लाठी-डंडों
से
हमला
बोल
दिया।
कुछ
लोगों
ने
मगरमच्छ
पर
पत्थर
भी
फेंके।
ग्रामीणों
के
हमले
से
मगरमच्छ
वापस
नदी
में
चला
गया।
ग्वालियर
ले
जाते
समय
हो
गई
मयंक
की
मौत
मगरमच्छ
के
हमले
की
वजह
से
मयंक
की
एक
बांह
का
मांस
पूरी
तरह
हाथ
से
अलग
हो
चुका
था।
ग्रामीणों
ने
जब
मयंक
का
यह
हाल
देखा
तो
मयंक
को
उठाकर
तुरंत
अस्पताल
के
लिए
दौड़े।
मयंक
को
अंबाह
के
अस्पताल
में
ले
जाकर
भर्ती
करवाया
गया
लेकिन
यहां
पर
डॉक्टरों
ने
मयंक
की
हालत
को
देखते
हुए
उसे
उपचार
के
लिए
ग्वालियर
रेफर
कर
दिया।
ग्वालियर
पहुंचने
से
पहले
ही
रास्ते
में
मयंक
की
मौत
हो
गई।
पहले
भी
कई
बार
हो
चुके
हैं
ऐसे
हादसे
मगरमच्छ
द्वारा
किसी
की
जान
लेने
का
यह
कोई
पहला
मामला
नहीं
हैं।
इससे
पहले
भी
मगरमच्छों
द्वारा
नदी
पर
पहुंचने
वाले
ग्रामीणों
पर
अक्सर
हमला
करके
उनकी
जान
ले
ली
जाती
है
या
उन्हें
गंभीर
रूप
से
घायल
कर
दिया
जाता
है।
मुरैना
और
भिंड
जिले
के
कई
ऐसे
गांव
हैं
जो
चंबल
नदी
के
किनारे
बसे
हुए
हैं।
इन
गांव
के
लोगों
के
साथ
अक्सर
ऐसे
हादसे
होते
रहते
हैं।अभी
कुछ
दिन
पहले
ही
भिंड
के
चिलोंगा
गांव
में
एक
मगरमच्छ
ने
चंबल
नदी
में
पानी
पीने
उतरे
एक
बच्चे
को
अपना
शिकार
बना
लिया
था।
समय-समय
पर
इस
तरह
की
घटनाएं
सामने
आती
रहीं
हैं।
बावजूद
इसके
ग्रामीणों
द्वारा
लगातार
लापरवाही
बरती
जाती
है
और
यही
वजह
है
कि
उनकी
जान
चली
जाती
है।