मेरठ न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

पिता की तेरहवीं पर बेटी के बांधी पगड़ी, तीन भाई बोले- 'अब बड़ी बहन है हमारे परिवार की मुखिया'

Google Oneindia News

मेरठ, 21 सितंबर: आज से पितृपक्ष की शुरूआत हो गई है। पितृपक्ष के पहले दिन उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कुछ ऐसा हुआ जो चर्चा का विषय बन गया। यहां तीन भाइयों ने अपने पिता की तेरहवीं पर अपनी बहन के सिर पर पगड़ी बांधकर मिसाल पेश की है। परिवार ने पुराने रीति-रिवाजों को किनारे करते हुए घर की विवाहित बेटी को ही अपने घर का मुखिया बना दिया। परिवार के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है।

परिवार के फैसले से सभी हैरान

परिवार के फैसले से सभी हैरान

दरअसल, मेरठ में रहने वाले शिक्षक और किसान हरेंद्र सिंह के निधन के बाद मुखिया का चुनाव होने वाला था। उम्मीद थी कि हरेंद्र के तीनों बेटों में से किसी एक को पिता के बाद जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन तीनों भाईयों के फैसले ने सभी को हैरान कर दिया। तीनों भाईयों ने पूरे परिवार के साथ बहन को घर का मुखिया घोषित कर दिया।

बेटी ने ही किया था पिता का अंतिम संस्कार

बेटी ने ही किया था पिता का अंतिम संस्कार

बहन का नाम उर्वशी चौधरी है। उर्वशी 39 वर्ष की हैं और मेरठ की एडवोकेट और एक समाजसेवी हैं। उर्वशी के तीन छोटे भाई विकास, वरुण, विवेक और एक छोटी बहन ऐश्वर्या है। पिता हरेंद्र चौधरी के निधन के बाद भी उर्वशी ने ही उनका अंतिम संस्कार किया। फिर उनके भाईयों और परिवार के बुजुर्गों ने रस्म पगड़ी में शादीशुदा बेटी उर्वशी को ही परिवार का मुख‍िया घोष‍ित कर दिया। कहा जाता है कि शादी के बाद बेटी का कुल और गोत्र दोनों अलग हो जाते हैं, लेकिन इस परिवार ने पुराने रीति-रिवाजों को दरकिनार करते हुए यह फैसला लिया है।

बेटा या बेटी में फर्क नहीं करता परिवार

बेटा या बेटी में फर्क नहीं करता परिवार

उर्वशी की छोटी बहन ऐश्वर्या एक स्कूल में प्रधानचार्य हैं, जबकि तीने छोटे भाई विकास, वरुण और विवेक शिक्षक हैं। पारिवारिक मित्र और लेखक ओमवीर तोमर बताते हैं कि हरेंद्र सिंह का परिवार बेटा या बेटी में किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं करता। ऐसा ही पूरे समाज में होना चाहिए।

घर की नई मुखिया बनने पर क्या बोलीं उर्वशी चौधरी

घर की नई मुखिया बनने पर क्या बोलीं उर्वशी चौधरी

घर की नई मुखिया उर्वशी ने बताया कि परिवार में वह सबसे बड़ी हैं। बचपन से ही उनके परिवार ने बेटा या फिर बेटी में किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं किया। उनके पिता ने हमेशा बेटी और बेटे दोनों की पढ़ाई-लिखाई पर जोर देने का काम किया था। शादी के बाद उनके पति ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने बताया कि आज परिवार के फैसले में भी पति और उनके ससुराल वालों ने पूरा सपोर्ट किया है।


वीडियो : घर में 50 साल बाद जन्मी बेटी को गाजे-बाजे से करवाया गृहप्रवेश, पूरे रास्ते को फूलों से सजायावीडियो : घर में 50 साल बाद जन्मी बेटी को गाजे-बाजे से करवाया गृहप्रवेश, पूरे रास्ते को फूलों से सजाया

Comments
English summary
three brother made his married sister family head after father cremation in meerut
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X