Mau News: कुएं में फेंकी मिलीं लाखों की सरकारी दवाएं, डिप्टी सीएम ने दिए जांच के आदेश
सरकारी दवाओं को बीमार लोगों के उपचार के लिए मुफ्त में बांटने के लिए दिया जाता है लेकिन सरकारी दवाओं को बांटने की जगह उन्हें कुएं में फेंके जाने का Mau जिले से एक शर्मनाक मामला सामने आया है। इस मामले में डिप्टी सीएम द्वारा जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं जिससे जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मची हुई है।

खेतों में स्थित कुएं में फेंकी गई थी दवाएं
दरअसल मऊ जिले के रतनपुरा विकासखंड अंतर्गत हलौरी गांव में किसान अरुण कुमार सिंह का खेत है और उसी में एक कुमार स्थित है। जिसके माध्यम से किसान खेतों की सिंचाई करते रहे हैं। किसानों ने बताया कि सुनसान स्थान पर स्थित इस कुएं में दवा कहां से लाई गई और कौन फेका है इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सरकारी दवा फेंकी होने की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत किया। बाद में मौके पर पहुंची मेडिकल टीम जांच पड़ताल करने के बाद दवाओं को कुएं से निकालकर देखे बगैर लौट गई। इससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए।
जांच टीम ने कहा एक्सपायर हो चुकी हैं दवाएं
इस मामले में रविवार को पुनः मेडिकल टीम जांच करने पहुंची और जांच पड़ताल करने के बाद मेडिकल टीम द्वारा बताया गया कि जो भी दवाएं कुएं में फेंकी मिली हैं वह सभी दवाएं 2021 में ही एक्सपायर हो चुकी हैं। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि जिन दवाओं को सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त में वितरित करने के लिए दिया जाता है। उन दवाओं को अस्पताल में रखकर उनकी तिथियां समाप्त कर दी जाती हैं और फिर उन्हें इसी तरह फेंक दिया जाता है। यही कारण है कि नाराज ग्रामीणों ने इस मामले को ट्वीट कर डिप्टी सीएम से शिकायत की। डिप्टी सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच करने के लिए निर्देशित किया है। डिप्टी सीएम द्वारा मामले को संज्ञान में लिए जाने के बाद जिले की स्वास्थ्य टीम में भी हड़कंप आया हुआ है।
रिकार्डों की की जा रही जांच, होगी कार्रवाई
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेश अग्रवाल द्वारा बताया गया कि ड्रग वेयरहाउस से जिन अस्पतालों में दवाएं भेजी गई थी उन दवाओं के बैच नंबर आदि की जांच की जा रही है। दवा सप्लाई की रिकॉर्ड जांच में दोषियों के बारे में जानकारी सामने आने के बाद उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मऊ में बैच का मिलान नहीं हो पाता है तो इसके लिए दवाओं को लखनऊ भेजा जाएगा। वहां से बैच का मिलान किए जाने के बाद दवाओं के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। फिलहाल जांच में कौन दोषी पाया जाएगा या तो वक्त ही बताएगा लेकिन कुएं में दवाएं फेंके जाने के मामले को लेकर जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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