यूपी: मजदूरों का निवाला निगल रहीं मशीन, अंगूठे कट जाते हैं तो स्कैनर नहीं करते काम, वीडियो
Uttar pradesh news (मऊ)। प्रशासन द्वारा संचालित योजनाओं को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। जिस कारण राशन वितरण प्रणाली में भी बदलाव कर मशीनें लगाई गईं, लेकिन ये मशीनें वृद्धों और ग़रीब तबके के मजदूरों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं।
सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए पिछले वर्ष जुलाई से शहरी क्षेत्र की राशन दुकानों पर ई-पास मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, अगस्त-सितम्बर माह में उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला चर्चा में रहा। जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों की राशन दुकानों पर भी ई पॉस मशीन लगाए गए। अब इन मशीनों पर लगे स्कैनर से अंगूठे को स्कैन कर मिलान किया जाता है। अंगूठे का मिलान होने पर ही राशन का आवंटन होता है। यह प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले वृद्ध, गरीब, खेतों में काम करने वाले किसान तथा मजदूर तबके के लोगों के लिए मुसीबत बन गई है।
ऐसे
होती
है
गड़गड़
दरअसल,
बुजुर्गों
के
अंगूठे
के
निशान
हल्के
हो
जाते
हैं
या
तो
मिट
जाते
हैं।
वहीं,
मजदूरी
करने
वाले
लोगों
के
अंगूठे
कटने
की
वजह
से
मशीनें
स्कैन
नहीं
कर
पातीं।
जिससे
गरीबों
को
परेशान
होकर
खाली
हाथ
वापस
घर
को
लौटना
पड़
रहा
है।
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'पहली
बार
किया
जा
रहा
है
प्रयोग'
जिला
पूर्ति
अधिकारी
नरेन्द्र
तिवारी
ने
कहा
कि
पहली
बार
वितरण
प्रणाली
में
ई-पास
मशीन
का
प्रयोग
किया
जा
रहा
है।
जिन
लोगों
के
अंगूठे
का
मिलान
नहीं
हो
पा
रहा
है
उनके
लिए
भविष्य
में
आयरिश
के
मिलान
की
व्यवस्था
शुरू
की
जाएगी।
वर्तमान
में
अंगूठे
का
मिलान
नहीं
होने
पर
परिवार
के
अन्य
सदस्य
के
अंगूठे
का
मिलान
करके
राशन
देने
को
कहा
गया
है।
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