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Lord Hanuman Jayanti: कृष्णनगरी में बना अद्भुत मंदिर, भाइयों के भी कर सकेंगे दर्शन, कौन हैं 5 भाई?

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मथुरा। महावीर हनुमान की भारतभर में असंख्य प्रतिमाएं हैं। उनके छोटे-बड़े लाखों मंदिर भी हैं। हर मंदिर की अपनी अलग कहानी और मान्यताएं होती हैं। आज हनुमानजी की जयंती है। इस अवसर पर हनुमानजी के कुछ अद्भुत मंदिरों की चर्चा हो रही है। यहां हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हनुमान जी के भाइयों के दर्शन किए जा सकेंगे। हां जी, भाई भी एक-दो नहीं, बल्कि पांच हैं। उन पांचों की मूर्तियों के दर्शन इस मंदिर में किए जा सकेंगे।

कृष्ण नगरी में बना अद्भुत मंदिर

कृष्ण नगरी में बना अद्भुत मंदिर

यह मंदिर तैयार हुआ है भगवान श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में। यह नगरी उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में जिला मुख्यालय से कुछ ​ही किमी की दूरी पर है। यह ऐतिहासिक नगरी है, और इसमें हजारों मंदिर हैं। कुछ मंदिर हजार साल से भी ज्यादा पुराने बताए जाते हैं। यहां द्वापर युग के अवशेष भी मिलते हैं। वृंदावन की अटल्ला चुंगी स्थित श्री वृंदावन बालाजी धाम के संस्थापक डॉ. अनुराग कृष्ण पाठक ने बताया कि, यहां हनुमानजी का अद्भुत मंदिर बना है। इसमें हनुमानजी के पांचों भाइयों की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।

यहां इतना कुछ देखा जा सकेगा

यहां इतना कुछ देखा जा सकेगा

डॉ. अनुराग कृष्ण पाठक ने कहा कि, महावीर हनुमान का यह मंदिर देश के धार्मिक इतिहास में अनेक विशेषताओं से भरा है। इसमें संकटमोचक हनुमानजी की जन्मकुंडली देखी जा सकेगी।

  • इसके अलावा उनके साथ उनके पांच भाइयों के भी दर्शन किए जा सकेंगे। यहां 10x10 फीट के श्री हनुमान यंत्र और हनुमान स्तंभ को देखा जा सकेगा।

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हनुमान स्तंभ पर हनुमान चालीसा

हनुमान स्तंभ पर हनुमान चालीसा

  • यह जो हनुमान स्तंभ है, इस पर पूरी हनुमान चालीसा को लिखा गया है। भक्त यहीं हनुमान चालीसा का पाठ कर सकेंगे।

ॐ हनुमान् अंजनी सूनुर्वायुर्पुत्रो महाबलः, श्रीरामेष्टः फाल्गुनसंखः पिंगाक्षोऽमित विक्रमः।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशनः, लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:। स्वाल्पकाले प्रबोधे च यात्राकाले य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्। राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन।।

मां अंजनी, पिता हैं केसरी

मां अंजनी, पिता हैं केसरी

हनुमान जी की मां अंजना थीं। वह वानरराज केसरी की पत्नी थीं। शास्त्रों में वर्णित है कि, महावीर हनुमान वायुदेवता के औरसपुत्र हैं। रीछराज जाम्बवन्त को हनुमानजी का काका कहा जाता है। रामायणकाल में श्रीराम की मदद के लिए हनुमानजी के ​पिता भी आए थे।

भगवान शिव के अवतार

भगवान शिव के अवतार

हनुमानजी को भगवान शंकर का रुद्रावतार भी माना जाता है। वाल्मीकि रामायण में तो उनके भाइयों का जिक्र नहीं है, हालांकि, ब्रह्मांड पुराण में इनका वर्णन है।

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कौन हैं हनुमानजी के 5 भाई? जानिए

कौन हैं हनुमानजी के 5 भाई? जानिए

ब्रह्मांड पुराण में बताया गया है कि, हनुमानजी के 5 भाई मतिमान, श्रतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान हैं। इस तरह माता अंजति के 6 पुत्र हुए। जिनमें हनुमानजी ब्रह्मचारी हैं, जबकि उनके भाई गृहस्थ थे।

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English summary
Lord hanuman unique temple in vrindavan mathura, Here you can see very beautiful idols, 5 brothers of bajrangbali
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