Mainpuri: शीशम के पेड़ पर लटका मिला प्रेमी जोड़ा, देर रात गांव से अचानक हो गए थे लापता
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसमे एक ही गांव के रहने वाले प्रेमी जोड़े ने शीशम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी।
प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या कर दी, क्योंकि वह किसी और से शादी कर रही थी। प्रेमी या प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि उनका पार्टनर अब इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाह रहा था। दोस्ती को प्यार समझ लिया और पार्टनर के इनकार पर जान दे दी। इस तरह की घटनाएं आए दिन हो रही हैं। आज भी उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसमे एक ही गांव के रहने वाले प्रेमी जोड़े ने शीशम के पेड़ से फांसी लगाकर जान दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
प्रेमी
जोड़े
ने
एक
ही
रस्सी
से
लगाई
फांसी
दरअसल
पूरा
मामला
उत्तर
प्रदेश
के
जनपद
मैनपुरी
में
घिरोर
थाना
क्षेत्र
के
नगला
कंचन
गांव
की
है।
यहाँ
का
रहने
वाला
अनिल
कुमार
पुत्र
रणवीर
सिंह
यादव
गांव
की
ही
रहने
वाली
मालती
पुत्री
किशन
यादव
से
प्रेम
प्रसंग
चल
रहा
था।
लड़की
की
उम्र
मात्र
18
साल
थी
वही
युवक
की
उम्र
लगभग
26-27
साल
बताई
जा
रही
है।
प्राप्त
जानकारी
के
अनुसार
दो
काफी
समय
से
एक
दूसरे
से
प्रेम
करते
थे
और
शादी
करना
चाहते
थे।
पर
किन्ही
कारणों
से
दोनों
के
घरवाले
इस
रिश्ते
से
खुश
नहीं
थे।
इसी
के
चलते
बीती
रात
अचानक
दोनों
ही
गाँव
से
गायब
हो
गए
थे।
दोनों
को
परिजनों
द्वारा
काफी
ढूंढ़ने
की
कोशिश
भी
की
गई
लेकिन
किसी
का
कुछ
पता
नहीं
चला।
वही
सुबह
होते
ही
कुछ
गाँव
वालों
ने
शीशम
के
एक
पेड़
पर
दोनों
को
एक
ही
रस्सी
से
फंदे
पर
झूलते
हुए
देखा।
जिसके
बाद
इस
घटना
की
सूचना
पुलिस
को
दी
गई।
मौके
पर
पहुंची
पुलिस
ने
शवों
को
पोस्टमॉर्टम
के
लिए
भेज
दिया
है
और
छानबीन
में
जुट
गई
है।
क्या
कहता
है
मनोविज्ञान
क्या
युवाओं
में
सहनशीलता
की
इतनी
कमी
है?
क्या
वे
किसी
समस्या
का
समाधान
तलाशने
की
कोशिश
भी
नहीं
करना
चाहते?
उनके
पास
अपनी
जान
देने
के
अलावा
कोई
रास्ता
ही
नहीं
बचता
है?
ऐसे
कई
सवाल
हैं,
जो
अचानक
कौंधते
हैं
जब
ऐसी
घटनाओं
की
सूचना
मिलती
है।
इस
तरह
की
घटनाओं
की
वजह
क्या
है।
इस
तरह
की
अप्रत्याशित
घटनाओं
के
बारे
में
मनोवैज्ञानिकों
कि
एक
लंबे
समय
तक
एक-दूसरे
के
संपर्क
में
रहने
के
कारण
युवाओं
में
अलगाव
सहने
की
क्षमता
नहीं
होती
है।
इस
तरह
के
केस
में
देखने
में
आता
है
कि
युवाओं
के
संबंध
का
केंद्र
'आर्कषण'है,'परिपक्वता'
नहीं।
जैसे-जैसे
किशोर,
युवा
अवस्था
की
ओर
बढ़ते
हैं
तो
एक-दूसरे
के
प्रति
आकर्षण
स्वाभाविक
होता
है।
यह
कुछ
समय
के
लिए
होता
है,
लेकिन
कुछ
युवा
इसे
अपने
जीवन
का
अंतिम
सत्य
समझ
लेते
हैं,
जिसके
कारण
इतनी
घटनाएं
होती
है।
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