करोड़ों के एथलेटिक्स रेस ट्रैक पर कारों का काफिला लेकर पहुंचने पर घिरे शरद पवार, भाजपा ने साधा निशाना
पुणे, 29 जून। पुणे के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्टस में एथलीट्स के लिए बनाथिंथेटिक रेस ट्रेक वीवीआईपी संस्कृति की भेट चढ़ गया। पुणे के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जिसे बालवाड़ी स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है वहां की ये वाकया है।यहां पर शनिवार को महाराष्ट्र की महाअघाडी सरकार के मंत्रियों की कारों का कााफिला इस रेस ट्रेक पर पहुंचा और वहीं पार्क किया गया। करोड़ों की लागत से बने रेस कोर्स जिस पर स्पाइक्स शूज के अलावा अन्य शूज पहनकर जाना भी मना होता है। उसको वीवीआईपी की कारों से रौंदा गया। जिससे ट्रैक को काफी नुकसान पहुंचा है। चूंकि यह कारों के काफिले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र सरकार के खेल मंत्री सुनील केदार और राज्य मंत्री अदिति तटकरे सवार थे इस घटना के बाद भाजपा के घेरे में आ गए हैं।
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बता दें राकांपा प्रमुख शरद पवार और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य वरिष्ठ नेता शनिवार को अपने वाहन पार्क करने के लिए यहां शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक रेसट्रैक का उपयोग करने के लिए आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। पवार के अलावा राज्य के खेल मंत्री सुनील केदार और राज्य मंत्री अदिति तटकरे के वाहन भी रेसट्रैक पर खड़े थे।
रविवार को वाहनों की तस्वीरें ट्वीट करते हुए, भाजपा के शिवाजीनगर के विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने लिखा एमवीए की वीआईपी संस्कृति और अहंकार... शिवछत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एथलेटिक ट्रैक को पूर्व की कारों के लिए पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
ट्वीट
पर
प्रतिक्रिया
देते
हुए
केंद्रीय
युवा
मामले
और
खेल
राज्य
मंत्री
(स्वतंत्र
प्रभार)
किरण
रिजिजू
ने
सोमवार
को
कहा
कि
वह
इस
तरह
के
अनादर
को
देखकर
'बहुत
दुखी'
हैं।
"मैं
व्यक्तिगत
रूप
से
अपने
देश
में
खेल
और
खेल
नैतिकता
के
प्रति
इस
तरह
के
अनादर
को
देखकर
बहुत
दुखी
हूं
...
जैसा
कि
देश
में
पर्याप्त
खेल
सुविधाओं
की
कमी
है।
सभी
खेल
केंद्रों
को
उचित
देखभाल
की
जरूरत
है।
बीए
थर्ड
इयर
में
पढ़ने
वाली
21
वर्षीय
आरती
तिवारी
बनीं
बलरामपुर
जिला
पंचायत
अध्यक्ष
बता
दें
पवार
और
अन्य
नेता
बालेवाड़ी
स्थित
खेल
विश्वविद्यालय
के
चल
रहे
कार्यों
का
निरीक्षण
करने
गए
थे।
,
राज्य
के
खेल
मंत्री
केदार
ने
योजना
बनाने
में
"निगरानी"
को
दोषी
ठहराया।
उन्होंने
कहा,
'पवार
साहब
को
उम्र
की
वजह
से
सीढ़ियां
चढ़ने
में
दिक्कत
होती
है,
इसलिए
सोचा
गया
कि
उनके
वाहन
को
ऑफिस
के
जितना
हो
सके
पास
आने
दिया
जाए।
हालांकि,
योजना
में
कमी
के
कारण,
अन्य
वाहन
भी
ट्रैक
पर
खड़े
हो
गए।
उन्होंने
कहा
कि
रेसट्रैक
को
वैसे
भी
मरम्मत
की
जरूरत
थी।
उन्होंने
कहा,
"मैंने
काम
के
लिए
फंड
आवंटन
में
तेजी
लाने
के
आदेश
दिए
हैं।"
I'm personally very sad to see such disrespect for sports and sporting ethics in our country. https://t.co/XV47LRckmJ
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 27, 2021
बता दें राष्ट्रीय खेलों के लिए 1994 में निर्मित, शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को 2008 में राष्ट्रमंडल युवा खेलों की मेजबानी के दौरान एक बड़ा बदलाव मिला। एथलेटिक्स स्टेडियम में आठ ट्रैक हैं और इसमें 11,000 दर्शक बैठ सकते हैं।