अनिल देशमुख के इस्तीफे पर रविशंकर प्रसाद का बयान, अब उद्धव ठाकरे दिखाएं नैतिकता
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद राज्य की सियासत में नया भूचाल आ गया है। अनिल देशमुख मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि अनिल देशमुख ने नैतिकता दिखाते हुए इस्तीफा नहीं दिया है, बल्कि उन्होंने शरद पवार से पूछकर ये इस्तीफा दिया है।

इस मामले की निषप्क्ष जांच हो- रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उद्धव ठाकरे जी में थोड़ी बहुत नैतिकता बची है या नहीं। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अपनी नैतिकता दिखाएं, नहीं तो सवाल उनके पर भी उठेंगे। रविशंकर प्रसाद ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि भाजपा आगे यही चाहेगी कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और जो भी इस मामले में लिप्त हैं, उन्हें कठोर सजा दी जाए।
The BJP expects that all the ramifications of this issue ought to be investigated fairly, properly and those involved must be brought to book: Union Minister and BJP leader Ravi Shankar Prasad on #AnilDesmukh pic.twitter.com/3rnDFI6DxW
— ANI (@ANI) April 5, 2021
उद्धव ठाकरे कब मुंह खोलेंगे- रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम तो शुरू से ही इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। साथ ही अनिल देशमुख का भी इस्तीफा मांग रहे थे, लेकिन शरद पवार जी ही उन्हें क्लिन चिट दिए जा रहे थे। रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि आज तो कमाल हो गया, हाईकोर्ट के फैसले के बाद अनिल देशमुख शरद पवार से मिलने के लिए गए और फिर इस्तीफा दे दिया। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे के भी इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे मुंह कब खोलेंगे? उनका मौन कई बातों की ओर इशारा कर रहा है।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह समेत चार याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। बता दें कि परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर जबरन उगाही करने के आरोप लगाए थे। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने की वजह से परमबीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।
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