एटीएस ने मालेगांव ब्लास्ट में योगी आदित्यनाथ का नाम लेने को कहा था: NIA कोर्ट में गवाह
एटीएस ने मालेगांव ब्लास्ट योगी आदित्यनाथ, आरएसएस का नाम लेने को कहा था: कोर्ट में गवाहमालेगांव ब्लास्ट: कोर्ट में गवाह का दावा- एटीएस ने योगी आदित्यनाथ का नाम लेने को किया था मजबूर
मुंबई, 28 दिसंबर: साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में बम विस्फोट मामले में एक गवाह ने एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) पर प्रताड़ित करने और झूठे नाम लेने का इल्जाम लगाया है। गवाह मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की जांच कर रही एटीएस ने उसे बहुत प्रताड़ित किया था। गवाह ने भी कहा है कि एटीएस की टीम ने उसे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के चार लोगों का नाम गलत तरह से इस मामले में लेने के लिए मजबूर किया था।
बयान बदलने वाला 15वां गवाह
कोर्ट में अपने बयान से मुकरते हुए गवाह ने एटीएस पर ही आरोप लगाए हैं। गवाह ने मंगलवार को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि एटीएस ने उसे उठाया और सात दिन तक बंद रखा। इस दौरान उसे प्रताडित किया गया और उसके परिवार को भी फंसाने की धमकी दी। गवाह ने बताया कि एटीएस ने उसे उस समय भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ के अलावा आरएसएस के इंद्रेश कुमार, देवधर और काकाजी का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। मालेगांव केस में अब तक 220 लोगों की गवाही हुई है। जिसमें से 15 गवाह बयानों से मुकर चुके हैं।
2008 में हुए थे धमाके
सितंबर 2008 में मालेगांव में एक मस्जिद के पास बम विस्फोट हुए थे। इन धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 घायल हुए थे। मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बांधे गए विस्फोटक से धमाके को अंजाम दिया गया था। एटीएस ने इस मामले में शुरुआती जांच की थी। तीन साल बाद 2011 में इस केस को एनआईए के पास ट्रांसफर किया गया था। मालेगांव धमाका मामले में अब एनआईए की स्पेशल कोर्ट सुनवाई कर रही है। बता दें कि इस मामले में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी आरोपी हैं। मामले के अन्य आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी के नाम हैं।
चंडीगढ़ के नतीजों को पंजाब में बदलाव ना समझें केजरीवाल, देख ले ये पुराना रिकॉर्ड