महाराष्ट्र के 'नए सीएम' एकनाथ शिंदे बोले- राज्य के विकास के लिए आए बीजेपी के साथ
मुंबई, 30 जून: महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामा आखिरकार गुरुवार को खत्म हो गया। शिवसेना के बागी विधायकों का बीजेपी को साथ मिल गया। इस बीच बीजेपी ने सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान करके सबको चौंका दिया। ऐसे में अब महाराष्ट्र के नए मुखिया एकनाथ शिंदे होंगे। उद्धव सरकार से बगावत कर चर्चाओं में आए एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र की बागडोर संभालेंगे। उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदखल करने वाले शिंदे शाम 7.30 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में घोषणा करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे। शपथ समारोह आज शाम 7.30 बजे होगा।
'महाराष्ट्र के विकास के लिए बीजेपी के साथ आए'
सीएम बनने की घोषणा के बाद एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टी होते हुए बीजेपी ने मुझे मौका दिया। हम महाराष्ट्र के विकास के लिए बीजेपी के साथ आए हैं। हमने जो निर्णय लिया है वह बालासाहेब के हिंदुत्व और हमारे विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे साथ 50 विधायक हैं।
'हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होता'
वहीं बगावत पर बात करते हुए शिंदे ने कहा कि हम अपने निर्वाचन क्षेत्र की शिकायतों और विकास कार्यों के साथ पूर्व सीएम ठाकरे के पास गए और उन्हें सुधार की जरूरत पर सलाह दी, क्योंकि हमें यह एहसास होने लगा कि हमारे लिए अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा। हमने भाजपा के साथ स्वाभाविक गठबंधन की मांग की।
'बीजेपी ने दिखाया अपना बड़ा दिल'
बीजेपी के पास 120 विधायक हैं, लेकिन उसके बावजूद देवेंद्र फडणवीस ने सीएम का पद नहीं संभाला। मैं पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेताओं के साथ उनका आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने उदारता दिखाई और बालासाहेब के सैनिक (पार्टी कार्यकर्ता) को राज्य का सीएम बनाया।
मंत्रिमंडल में नहीं होंगे देवेंद्र फडणवीस
वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस एकनाथ शिंदे कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे, जिसकी जानकारी खुद उन्होंने दी।भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने मांग की कि हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते और ये गठबंधन खत्म किया जाए, लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं हुई इसलिए इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की। इसके बाद हमने ढाई साल में एक सरकार देखी जिसमें न कोई तत्व, न कोई विचार और न गति थी। वो लोग चालू इंफ्रास्ट्रक्चर को बंद कर रही थी। वो लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त थे।