Maharashtra:बीजेपी ने कोलाबा के MLA को बनाया स्पीकर का उम्मीदवार, कांग्रेस को इस वजह से आपत्ति
मुंबई, 1 जुलाई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली नई सरकार के गठन के बाद एक बार फिर से राजनीति शुरू हो गई है। इस बार स्पीकर पद के चुनाव को लेकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन, सरकार और राज्यपाल से भिड़ने की तैयारी में है। कांग्रेस का दावा है कि उनकी सरकार के दौरान गवर्नर ने स्पीकर के चुनाव की इजाजत ही नहीं दी थी तो अब कैसे दे सकते हैं। हालांकि, दूसरी तरफ एनसीपी विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार उतारने की भी बात कह रहा है। विधानसभा सचिवालय से जारी सूचना के मुताबिक यदि विधानसभा के अध्यक्ष पद पर चुनाव की नौबत आई तो यह 3 जुलाई को होगा। शुक्रवार को भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने स्पीकर पद के लिए पर्चा भरा है।
बीजेपी एमएलए हैं राहुल नार्वेकर
भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार विधायक बने राहुल नार्वेकर को शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर का उम्मीदवार नामांकित किया है। अगर चुनाव की जरूरत पड़ी तो 3 जुलाई को सदन में स्पीकर का चुनाव हो सकता है। राज्य विधानमंडल सचिवालय की ओर से विधानसभा सदस्यों को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सदन के स्पीकर पद का चुनाव 3 जुलाई को होगा। इस पद के लिए नामांकन 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।
कौन हैं राहुल नार्वेकर ?
नार्वेकर मुंबई के कोलाबा विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। अगर स्पीकर पद के लिए और भी उम्मीदवार सामने आए यानी अगर आवश्यकता पड़ी तो इसके लिए 3 जुलाई को चुनाव होंगे। गौरतलब है कि इसी दिन से एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा की दो दिवसीय विशेष-सत्र बुलाई गई है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने पहले ही कहा था कि 'विधानसभा स्पीकर के पद के लिए राहुल नार्वेकर हमारे प्रत्याशी होंगे।' नार्वेकर एनसीपी नेता रामराजे निम्बल्कर के दामाद हैं, जो कि महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति हैं और पहले शरद पवार की पार्टी के साथ-साथ शिवसेना से भी जुड़े रहे हैं।
कांग्रेस ने गवर्नर की मंशा पर उठाए सवाल
विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर से अभी तक इस पद के लिए कोई भी नाम घोषित नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में जबसे कांग्रेस नेता नाना पटोले ने स्पीकर पद से इस्तीफा दिया है, यह पद यूं ही खाली पड़ा हुआ है। वैसे सामान्य तौर पर सदन के वरिष्ठ सदस्यों को इस मकसद से स्पीकर के आसन पर बिठाया जाता है कि उन्हें सदन के नियमों और प्रक्रियां की अच्छी जानकारी हो जाती है। इस बीच एमवीए की जूनियर पार्टनर कांग्रेस ने इस मामले में सवाल उठाया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अब स्पीकर के चुनाव की अनुमति कैसे दे सकते हैं, जिन्होंने पिछली सरकार के दौरान कथित तौर पर ऐसा नहीं किया था।
हमें स्पीकर चुनाव की नहीं मिली थी इजाजत-थोराट
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने आरोप लगाते हुए पूछा है कि जब उन्होंने (राज्यपाल ने) पहले इसी प्रक्रिया में सहमति देने से इनकार कर दिया था, तो अब कैसे दे सकते हैं। थोराट ने कहा, 'हमें (गवर्नर की ओर से)जवाब मिला था कि मामला अदालत के विचाराधीन है। (बॉम्बे)हाई कोर्ट ने पहले ही स्पीकर का चुनाव ध्वनि मत से कराने के हमारे फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था और यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित था।' कांग्रेस नेता ने गवर्नर से सवाल किया है कि 'क्या गवर्नर ध्वनि मत या गुप्त मतदान के जरिए चुनाव की अनुमति देंगे? ' उन्होंने इस साल 15 मार्च का एक चिट्ठी भी दिखाया, जिसके जरिए दावा किया कि राजभवन ने स्पीकर के चुनाव के एमवीए सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया था।
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एमवीए साझा उम्मीदवार उतारेगा-एनसीपी
इस बीच एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया है कि शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया जा सकता है, यदि उन्होंने स्पीकर के चुनाव में एमवीए उम्मीदवार के समर्थन में वोट नहीं डाला। उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी इस पद के लिए साझा उम्मीदवार उतारेगी। गौरतलब है कि नए सीएम एकनाथ शिंदे को सोमवार यानी 4 जुलाई को विधानसभा में बहुमत परीक्षण करना है।