भोपाल: हमीदिया अस्पताल में रेमडेसिविर की चोरी पर उठे सवाल, स्टोर रूम में ही रखे मिले इंजेक्शन
भोपाल, अप्रैल 21: पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा, जहां अब रोजाना 3 लाख के करीब मामले आ रहे हैं। अचानक इतनी बड़ी संख्या में मरीज आने से अस्पताल में बेड के साथ रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भी कमी हो गई है। तीन-चार दिन पहले भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में 853 रेमडिसिविर इंजेक्शन की चोरी का मामला सामने आया था, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस के होश उड़ गए। आनन-फानन में विशेष टीमें गठित कर मामले की जांच शुरू की गई, क्योंकि देश में ये अपने आप का पहला मामला था, लेकिन अब इसमें दूसरी कहानी निकलकर सामने आ रही है।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक शनिवार को रोजाना की तरह स्टोर रूम से इंजेक्शन निकाले जाने थे, लेकिन जब ताला खोला गया तो वहां से बॉक्स गायब मिला। उस वक्त दावा किया जा रहा था कि स्टोर रूम की जाली को काटकर जीवन रक्षक रेमडिसिविर की 853 डोज चोरी हुई है। बाद में अस्पताल के अधीक्षक आईडी चौरसिया ने भी चोरी की बात को मानते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन जब पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल की तो कहानी कुछ और ही निकलकर सामने आ रही है।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक उनकी टीम ने अब तक इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। जब मौक पर टीम पहुंची तो जाली अंदर से कटी मिली, जबकि अगर चोरी हुई होती तो चोर बाहर से जाली काटते। इसके अलावा स्टोर के सभी ताले में ठीक हालत में मिले। ऐसा लग रहा था कि किसी शख्स ने उन तालों को खोला और फिर बाद में उसे बंद कर दिया। अस्पताल की असली लापरवाही तब पता चली जब रेमडेसिविर के रिकॉर्ड चेक किए गए, क्योंकि जीवन रक्षक दवा के आने-जाने का रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखा गया। साथ ही स्टाफ भी इसका सही से जवाब नहीं दे पा रहा था।
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वहीं दूसरी ओर क्राइम ब्रांच का शक तब बढ़ गया, जब कई इंजेक्शन स्टोर रूम में मिले। जांच अधिकारियों के मुताबिक अगर अस्पताल में चोरी हुई है, तो रेमडेसिविर कम मात्रा में मिलनी थी, लेकिन वहां उल्टा है। उन्हें ज्यादा मात्रा में रेमडेसिविर मिली है। ऐसे में लग रहा है कि अस्पताल के कुप्रबंधन को छिपाने के लिए ये मनगढ़ंत कहानी रची गई। हालांकि क्राइम ब्रांच अभी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची है। वो इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही कि आखिर जब रेमडेसिविर अस्पताल में ही थे, तो चोरी की रिपोर्ट क्यों लिखवाई गई।