Panna Tiger Reserve: नए साल से पहले खुशखबरी, बाघिन P-653 ने तीन शावकों को जन्म दिया
पन्ना टाइगर रिजर्व में मॉर्निंग साइटिंग के दौरान बीते रोज बाघिन पी-653 अपने 3 नन्हें शावकों के साथ नजर आई है। बाघिन रास्ते में बच्चों को गुनगुनी धूप में घुमाते हुए नजर आ रही है। पर्यटकों ने दूर से इनके वीडियो बनाए हैं।
Panna Tiger Reserve: देश दुनिया में बाघों की बढ़ती आबादी के लिए विख्यात मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में नए साल के पहले एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन पी-653 ने तीन शावकों को जन्म दिया है, पर्यटकों ने मॉर्निंग साइटिंग के दौरान हिनौता क्षेत्र में बाघिन को 3 शावकों के साथ चहलकदमी करते हुए देखा और उसका वीडियो बना लिया। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में इन नन्हें मेहमानों के पन्ना टाइगर रिजर्व में आने से प्रबंधन में खुशी का माहौल है।
हिनौता रेंज में युवा बाघिन पी-653 तीन शावकों को घुमाते नजर आई
पन्ना टाइगर रिजर्व में दो दिन में दो राहतभरी खबर सामने आई हैं। इनमें पी-141 दो शावकों तो पी-653 बाघिन अपने 3 शावकों के साथ नजर आई हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व में बीते चार-पांच महीनों में 3 बाघों की मौत से प्रशासन पर अंगुलियां उठ रहीं थी। यहां टाइगर को खतरा बताया जा रहा था, लेकिन नन्हें शावकों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद नकारात्म बातों पर विराम लग गया है। दोनों बाघिनों के शावक बिलकुल स्वस्थ्य हैं और अपनी मां के साथ जंगल की सैर पर निकल रहे हैं।
पीटीआर में दो दिन पहले बाघिन-141 अपने दो शावकों संग दिखी थी
इधर दो दिन पहले ही एक और बाघिन पी-141 अपने दो नन्हें शावकों के साथ दिखी थी। कोर एरिया में केन नदी के किनारे चट्टानों पर बाघिन और उसके दो शावक उछलकूंद करते नजर आ रहे थे। शावकों की उम्र करीब 6 महीने बताई जा रही थी। तीन दिन पहले पर्यटकों को मॉर्निंग साइटिंग के दौरान नदी किनारे बाघिन व शावक दिखे थे।
पीटीआर का अमला शावकों पर नजर बनाए हुए है
क्षेत्र संचालक बृजेंद्र झा ने बताया कि पार्क के मैदानी अमले द्वारा कुछ दिन पूर्व भी बाघिन को शावकों के साथ देखा था, अब पर्यटकों द्वारा उसका वीडियो भी बनाया है। बाघिन पी-653 और उसके 3 शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपनी नियमित दिनचर्या पूरी कर रहे हैं इसके साथ ही वन हमले के द्वारा सतत उनकी निगरानी भी की जा रही है।
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80 से अधिक हो सकती है बाघों की संख्या
पन्ना टाइगर रिजर्व में दो दिन में 5 शावकों की तस्वीरें सामने आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इनकी संख्या 80 से अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। बीते तीन महीनों में दो बाघों व एक शावक की मौत के बाद टाइगर रिजर्व से पहली दफा अच्छी खबर सामने आई हैं। यहां लगातार बाघों की संख्या बढ़ने के अच्छे संकेत मिल रहे हैं। मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में पन्ना टाइगर रिजर्व का अहम योगदान है।
13 साल पहले हो चुका था बाघ विहीन
पन्ना टाइगर रिजर्व साल 2008 तक बाघ विहीन हो चुका था, यहां के बाघ या तो शिकार कर लिए गए या आपसी संघर्ष में मारे गए या अप्रत्याशित रुप से गायब हो गए थे। तत्कालीन सीसीएफ (फील्ड डायरेक्टर) आर श्रीनिवास मूर्ति ने यहां बाघों का पुर्नस्थापन कराया था। इसके लिए अलग-अल टाइगर रिजर्व से दो बाघिन व एक बाघ को लाया गया था। इनकी पहली संतान 2010 में हुई थी, जिस टाइगर पी-111 नाम दिया गया था। 2010 से लेकर लगातार पीटीआर में टाइगरों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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