एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बना पर्यावरण संरक्षण की मिसाल, खरपतवार मुक्त हो गई मंदाकिनी
छतरपुर (मध्यप्रदेश)। सरकार नदियों को साफ करने, जोड़ने और उनका प्रवाह बनाए रखने के लिए करोड़ों खर्च करती हैं। जिसमें कुछ अफसर खा जाते हैं, तो किसी नेता का हिस्सा लगता है।
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लेकिन मध्यप्रदेश के एक पुलिस अफसर ने ऐसा काम कर दिखाया है जो शायद सरकारें नहीं कर सकती। वो अफसर हैं डॉ पीएल अवस्थी।
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आईये जानते हैं इनके बारे में जिन्होंने अपनी क्षमता और कार्यकुशलता से चित्रकूट में मंदाकिनी नदी को एक नया रूप दे दिया।
ये हैं पीएल अवस्थी
डॉ पीएल अवस्थी राज्य के छतरपुर जिले के रनगुंवा गांव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 4 अक्टूबर 1958 को हुआ। 1987 में इन्होंने फोर्स ज्वाइन की। इन्होंने 1994 में सिंगरौली में मिली पोस्टिंग के दौरान 3 ईनामी डकैतों को मार गिराया। इसके बाद से ही इन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा। इतना ही नहीं 80 जघन्य अपराधों में तेज तरार्र कार्रवाई करने के बाद प्रदेश सरकार ने इन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया। इसके बाद इनका ओहदा नगरनिरीक्षक का हो गया। 2011 में अवस्थी को एसडीओपी बनाया गया।
2014 में आए चित्रकूट
2014 में अवस्थी की पोस्टिंग चित्रकूट उप पुलिस अधीक्षक के पद पर हुई। यहां आकर इनके जीवन में नया मोड़ आया। चित्रकूट की जीवनदायिनी मानी जाने वाली मंदाकिनी में बढ़ता प्रदूषण और गंदगी को अवस्थी नहीं देख के। फरवरी 2015 में अवस्थी ने मंदाकिनी की स्वच्छता का बीड़ा उठाया।
किसी की नहीं सुनी
अवस्थी के इस कदम की चर्चा होनी शुरू हो गई। किसी ने अच्छा कहा तो किसी ने बुराई की। स्थानीय जनता और यहां आने वाले लोगों ने अवस्थी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। लेकिन जब हौसला बुलंद हो तो कोई किसी की नहीं सुनता। अवस्थी ने भी कुछ ऐसा ही किया। उन्होंने किसी की नहीं सुनी बस अपनी करते गए।
1 लाख लोग हो चुके हैं अभियान में शामिल
परिणामस्वरूप लोग अवस्थी के इस कदम से जुड़ने लगे। अवस्थी का एक कदम आज अभियान बन चुका है। उनकी की ओर से शुरू किए गए इस अभियान में अब तक करीब 1 लाख लोग भाग ले चुके हैं। अभियान में लोगों को जुड़ता हुआ देख इसे नाम दिया गया गंगा मांगे मोक्ष। इतना ही नहीं अभियान में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल हो चुके हैं।
साफ हो गए खरपतवार
अवस्थी के इस अभियान मंदाकिनी की हालत बहुत बेहतर तो नहीं है फिर भी अब इस नदी के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगने से बच गया है। मंदाकिनी के खरपतवार साफ हो चुके हैं।
बता दें कि मंदाकिनी नदी 14 किलोमीटर मध्यप्रदेश में और 26 किलोमीटर उत्तर प्रदेश में प्रवाहित होती हैं। चित्रकूट के लिए मंदाकिनी जलस्रोत का बड़ा साधन है। क्षेत्र में अवस्थी के इस कदम की जहां अब हर ओर चर्चा होती है वहीं उनकी सोच को खराब बताने वाले अब उनके साथ खड़े नजर आते हैं।
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