'मुझे नहीं पता कि ये किससे डरे हुए हैं...', MP में जाति आधारित जनगणना को लेकर क्या बोले कमलनाथ
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जाति आधारित जनगणना की मांग की है।
Kamal Nath on conduct a caste-based census: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''मुझे नहीं पता कि ये लोग (सरकार) किससे डरे हुए हैं। जिसे ये लोग छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। मधय प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराना जरूरी... मध्य प्रदेश में जब हमारी सरकार बनेगी तो हम यहां पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे। जाति जनगणना संतुलन के लिए बहुत जरूरी है।''
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, ''वो दिन गए जब हम कहते थे कि ये कांग्रेस का गांव है, बीजेपी का गांव है। अब हर किसी की अपनी सोच है...हमें किसी सिंधिया (चुनाव जीतने के लिए) की जरूरत नहीं है, अगर वह इतने ही कद्दावर नेता थे तो (भाजपा) ग्वालियर और मुरैना मेयर का चुनाव क्यों हारी।''
I don't know what these people (govt) are scared of. What these people are trying to hide. It's important to conduct a caste-based census in the state... When our govt will be formed in Madhya Pradesh, we will implement old pension scheme here: Congress leader Kamal Nath (20.01) pic.twitter.com/7sW754bafl
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 21, 2023
कमलनाथ ने कहा, ''राज्य में बुंदेलखंड से लेकर महाकौशल और ग्वालियर चंबल तक जाति में कई भिन्नताएं हैं। यहां जातीय और जातीय विविधता है। यह जनगणना में खुलकर सामने आ जाएगा। इस सर्वेक्षण के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण में उचित स्थान मिलेगा।''
समाजवादी पार्टी की भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग
समाजवादी पार्टी ने भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की। समाजवादी पार्टी मांग को लेकर जिलों में बैठकें और रैलियां करना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी राज्य प्रमुख रामायण सिंह पटेल ने कहा, ''भाजपा जातिगत जनगणना से डरती है क्योंकि यह उच्च जाति के लोगों की पार्टी है। जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी के साथ कितना अन्याय हो रहा है। उन्हें लाभ और आरक्षण नहीं मिल रहा है। ओबीसी की आबादी 50% से अधिक है, लेकिन उन्हें कुल कोटा का 27% भी नहीं मिल रहा है।''
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