शिवपुरी में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों मे हुआ खूनी संघर्ष, 1 की मौत 7 घायल
शिवपुरी में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों में चली लाठी और गोलियां, एक की मौत आधा दर्जन से अधिक घायल
शिवपुरी 22 सितम्बर। शिवपुरी में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। दोनों गुटों में जमकर लाठी और गोलियां चली। इस खूनी संघर्ष में एक शख्स की मौत हो गई जबकि संघर्ष में शामिल 7 अन्य लोग घायल हो गए। घटना के बाद मृतक पक्ष के लोगो ने थाने के बाहर हंगामा भी किया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। घटना शिवपुरी के शेरगढ़ गांव की है।
वन
भूमि
पर
कब्जे
को
लेकर
हुआ
था
विवाद
शेरगढ़
गांव
में
लाल
सिंह
और
जीतू
गुर्जर
के
पक्ष
के
बीच
वन
भूमि
पर
कब्जे
को
लेकर
विवाद
चला
आ
रहा
था।
दोनों
ही
पक्ष
वन
भूमि
पर
कब्जा
करके
उस
पर
खेती
करना
चाहते
थे।
यही
विवाद
की
मुख्य
वजह
रही।
समय-समय
पर
दोनों
पक्ष
एक
दूसरे
के
खिलाफ
वन
विभाग
में
शिकायत
भी
करते
रहे
है
जिसकी
वजह
से
रंजिश
और
भी
गहरी
होती
गई।
लाल
सिंह
के
पशु
चरने
से
रोका
तो
हो
गया
संघर्ष
वन
भूमि
पर
लाल
सिंह
पक्ष
के
पशु
चरने
जा
रहे
थे
जिन्हें
जीतू
गुर्जर
ने
रोक
दिया।
लाल
सिंह
के
पक्ष
के
लोगों
का
कहना
है
कि
वन
भूमि
पर
जीतू
गुर्जर
का
पक्ष
अपना
कब्जा
जमाए
हुए
और
इसी
वजह
से
उन्होंने
पशु
चरने
से
रोक
दिए।
जिस
बात
को
लेकर
दोनों
पक्ष
आमने-सामने
आ
गए।
दोनों
पक्षों
के
बीच
जमकर
लाठियां
और
गोली
चली।
इस
संघर्ष
में
एक
गोली
लाल
सिंह
को
लग
गई।
इसके
साथ
ही
दोनों
पक्ष
के
7
लोग
घायल
हो
गए।
अस्पताल
ले
जाते
समय
लाल
सिंह
की
हुई
मौत
गोली
लगने
के
बाद
घायल
लाल
सिंह
को
उपचार
के
लिए
अस्पताल
ले
जाया
गया
जहां
से
लाल
सिंह
को
ग्वालियर
रेफर
कर
दिया
गया
लेकिन
ग्वालियर
ले
जाते
समय
रास्ते
में
ही
लाल
सिंह
की
मौत
हो
गई।
थाने
के
बाहर
पीड़ित
पक्ष
ने
किया
हंगामा
लाल
सिंह
की
मौत
के
बाद
पीड़ित
पक्ष
ने
नरवर
थाने
के
बाहर
हंगामा
कर
दिया।
हंगामा
कर
रहे
लाल
सिंह
के
परिजनों
का
कहना
था
कि
राजस्व
और
वन
विभाग
ने
इस
पूरे
मामले
में
लापरवाही
बरती
इसलिए
यह
खूनी
संघर्ष
हो
गया
जिससे
लाल
सिंह
की
जान
चली
गई
हालांकि
मौके
पर
पुलिस
के
वरिष्ठ
अधिकारी
पहुंचे
और
स्थिति
को
नियंत्रित
किया।
इसके
बाद
इस
मामले
में
एफआईआर
दर्ज
की
गई।