कृषि कानून रद्द होने पर सीएम योगी बोले- लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते, पीएम ने किया ऐतिहासिक काम
लखनऊ, 19 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब किसान संगठन 3 कृषि कानून के विरोध में आए थे तब सरकार ने हर स्तर पर संवाद का प्रयास किया, हो सकता है कि हमारे स्तर पर कमी रही हो कि हमने अपनी बात उन किसानों को समझाने में कहीं न कहीं विफल रहे जिसके कारण उनको आंदोलन का रास्ता लेना पड़ा।
सीएम ने कहा- लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, कृषि कानून चाहें जैसे भी रहे हों, लेकिन अगर कहीं से भी आवाज निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते। जब कहीं से आवाज उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी, बातचीत से, संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि तीन कृषि कानूनों को लेकर कुछ किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे। आज गुरू पर्व पर प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर जो ऐतिहासिक काम किया है, उसका मैं हृदय से स्वागत करता हूं।
सीएम योगी ने कहा कि एक बड़ा समुदाय ऐसा था कि जो कि इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कानून महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद कुछ किसान संगठन इसके विरोध में आए थे। सरकार ने परस्पर हर स्तर पर संवाद बनाने की कोशिश की। हो सकता है कि हमारे स्तर पर कोई कमी रह गई हो और किसानों को आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ाना पड़ा था।