कानपुर किडनैपिंग-मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, IPS अपर्णा गुप्ता सहित 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड
लखनऊ। कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीव यादव के अपहरण और हत्या के मामले में लापरवाही को लेकर अब तक 11 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त रुख अपनाते हुए अपर पुलिस अधीक्षक, दक्षिणी कानपुर नगर, आईपीएस अपर्णा गुप्ता और मनोज गुप्ता तत्कालीन सीओ सहित लापरवाही बरतने के आरोप में पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित किया था। अब इस मामले में सात पुलिसकर्मियों को और सस्पेंड किया गया है।
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बता दें, कानपुर के बर्रा में अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या कर दी है। पुलिस के अनुसार, अभी युवक की लाश बरामद नहीं हो सकी है। तलाश जारी है। उधर, युवक की मौत की सूचना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया है। संजीत के परिजनों ने कानपुर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था।संजीत की बहन ने कहा था कि पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए भी दिलवा दिए और उसके भाई को भी नहीं वापस ला सके। इस मामले की जांच के लिए एडीजी, पुलिस हेडक्वार्टर्स लखनऊ बीपी जोगदंड को तत्काल कानपुर पहुंचकर जांच के लिए निर्देश दिया गया है।
एसएसपी दिनेश कुमार के मुताबिक, बर्रा थाना पर 23 जून को शिकायत दर्ज की गई थी। 26 जून को एफआईआर दर्ज की गई थी। 29 जून को फिरौती के लिए फोन आया। इसे लेकर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम गठित की गई। इस टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें उसके कुछ दोस्त और संजीत के साथ अन्य पैथोलॉजी में काम कर चुके लोग शामिल हैं. इनके द्वारा कबूला गया है कि संजीत की इन्होंने 26 या 27 जून को ही हत्या कर दी थी और पांडु नदी में शव को बहा दिया। एसएसपी ने बताया कि अलग-अलग टीम गठित करके शव की तलाश की जा रही है।
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