धर्मांतरण पर कांग्रेस का यूपी विधानसभा से बहिर्गमन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मौजूदा सत्र के दौरान सोमवार को विधानसभा में पिछले दिनों आगरा में हुए धर्मातरण का मुद्दा उठा। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस सदस्यों के बीच नोकझोंक हुई। बाद में धर्मातरण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इलाहाबाद से कांग्रेस के विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने आगरा में हुए धर्मातरण का मुद्दा उठाया और सरकार से जानना चाहा कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की है।
अनुग्रह के साथ ही दीपक पटेल व धर्मपाल सिंह की ओर से भी यही मुद्दा उठाया गया। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि 1 अगस्त, 2014 से लेकर 31 दिसंबर, 2014 तक धर्मातरण के खिलाफ क्या मामले दर्ज किए गए और यदि दर्ज किए गए, तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
अनुग्रह के बाद सदन में कांग्रेस के नेता प्रदीप माथुर ने आरोप लगाया कि धर्मातरण के पीछे भाजपा के लोग थे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस पर भाजपा सदस्य सदन में हंगामे पर उतर आए। वे हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। बाद में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के समझाने के बाद वे वापस लौट गए।
इस बीच, मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में इस सवाल का जवाब संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने दिया। उन्होंने इस मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए सदन को बताया, "नौ दिसंबर, 2014 को इस्माइल नामक व्यक्ति की शिकायत पर नंद किशोर के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।"
आजम ने कहा, "कहीं किसी तरह का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है। आगरा में हुए धर्म परिवर्तन के मामले में सरकार ने काफी सूझबूझ का परिचय दिया था।"
उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि धर्मातरण के मुद्दे पर समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों की निंदा की जानी चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।