बृजेश पाठक बोले मैंने इसलिए इस्तीफा दिया... जानिए वजह ?
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी में ऊंचे कद के नेता माने जाने वाले बृजेश पाठक के द्वारा भाजपा में पलायन करने की खबरों ने बसपा के लिए और मुश्किलें बढ़ा दीं। साथ ही कयास लगाई जाने लगी कि पाठक की एंट्री से भाजपा को क्या नफा होगा।
जबकि लोगों के जहन में ये सवाल भी इन तमाम कयासों से ज्यादा अहमियत रखता है कि आखिर क्या वजह है कि बसपा नेता रहे बृजेश पाठक ने भाजपा से हाथ मिला लिया।
इस सवाल का जवाब खुद बृजेश ने सोशल मीडिया के जरिए दिया। उन्होंने क्या कहा, आईये जानते हैं इस रिपोर्ट में-
सत्ता सुख के लिए अग्रसर है बसपा
सोशल मीडिया पर बृजेश पाठक ने लिखा कि बहुत से मित्रों के लगातार यह प्रश्न आ रहे हैं कि मैंने बसपा छोड़ का भाजपा क्यों ज्वाइन की। मित्रों यहां प्रश्न विचारधारा का है। मैं पूर्व की पार्टी में इसलिए जुड़ा था कि तब तक यह पार्टी सर्व जन हिताय की बात करती रही।
यूपी में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी भाजपा
परन्तु मैंने इस विषय को महसूस किया कि स्वसमाज इस पार्टी के लिए सिर्फ एक उपयोग की विषय वस्तु हो गया था। बसपा अब सिर्फ और सिर्फ सत्ता सुख के लिए अग्रसर है। ऐसे में मुझे इससे अलग होना ही था।
और छोड़ दी पार्टी
बसपा नेता रहे पाठक ने कहा कि अब अगर सर्वजन हिताय की बात कहीं की जाती परंतु वर्गीकृत करके समुदायों का इस्तेमाल किया जाता हो तो यह तो बिलकुल अनुचित है। इसीलिए मुझे यह सब बिलकुल अच्छा नहीं लगा और मैंने इस पार्टी को त्याग दिया।
भाजपा से जुड़ने की वजह
बीजेपी से जुड़ने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक भाजपा से जुड़ने का सवाल है तो जनमानस के मन में यह तो स्वीकारयोग्य विषय होगा ही कि राष्ट्र की प्रगति एवं सर्वधर्म समभाव की भावना से प्रेरित है भारतीय जनता पार्टी।
यूपी की राजनीति में सपा-बसपा के उदय का इतिहास और भाजपा की चुनौती
राष्ट्र के नवनिर्माण में भाजपा का अतुल्य योगदान हो रहा है। इसीलिए यदि मैं सेवक हूं इस जनता का तो मुझे जनता के हित के लिए इस पार्टी से जुड़ना ही था।
भावना सेवा की या गुंडाराज की
इसके इतर बृजेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में स्टेटस लिखा कि मित्रों यह ध्यान रखना ही होगा की मैंने पार्टी बदली है पर अपनी भावना नहीं और मेरी भावना सिर्फ और सिर्फ आपकी सेवा की है। पाठक के इस बयान पर लोगों ने उन पर जमकर निशाने साधे।
बृजेश से बीजेपी को क्या नफा, बसपा को क्या नुकसान?
लखनऊ के स्थानीय निवासी आकाश गुप्ता ने कहा कि जब बृजेश पाठक को लगा कि बसपा बेहद कमजोर पड़ चुकी है तो वे सियासी ताकत हासिल करने के लिए भाजपा में आ गए। और उनकी भावना सिर्फ और सिर्फ सेवा की है। क्या वाकई ? फिर उन्होंने बीते दिनों एक संपादक के सवाल पर उसकी पिटाई क्यों की थी ?
कानपुर के निवासी अक्षय पांडे का कहना है कि मीडिया.....यानि की लोकतंत्र का चौथा स्तंभ। सरेआम खबरनवीस की पिटाई कर दी गई। और लोगों के हिमायती बनते हुए बृजेश का कहना है कि उन्होंने पार्टी बदली है भावना नहीं। पर, ऐसी भावना जिसमें मर्यादा का बोध न हो, समाज के प्रति जिम्मेवार शख्स पत्रकार पर हाथ उठा दे.....वो समाज के लिए कितना सही है ये लोग अच्छी तरह से जानते हैं।