सपा में टिकट बंटवारे को लेकर सामने आई अखिलेश-शिवपाल की तनातनी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राज्य प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार को अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को आगामी 2017 विधानसभा चुनावों के लिए सपा से टिकट दिए जाने की घोषणा की।
इसपर टिप्पणी करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि अमरमणि त्रिपाठी अपनी बीवी मधुमिता के हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
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नौतनवा विधानसभा सीट से मिला टिकट
सपा ने उन्हें नौतनवा विधानसभा से टिकट दिया है। आपको बता दें कि अमरमणि यूपी से चार बार विधायक रह चुके हैं। वहीं अमनमणि पर भी उनकी पत्नी सारा की हत्या का आरोप है।
अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि जिसके खिलाफ उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश की, समाजवादी पार्टी ने उसी को टिकट दे दिया। यह कैसे हुआ? उन्होंंने जवाब में कहा कि उन्होंने टिकट बंटवारे के सभी अधिकार छोड़ दिए हैं।
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बदल गया मुख्यमंत्री का कार्यालय
अखिलेश ने पत्रकारों से पूछा कि आप क्या चाहते हो, मैं ईमानदार उत्तर दूं या राजीतिज्ञों वाला उत्तर? अखिलेश ने कहा,'टिकट बंटवारा पार्टी के अंदर की बात है। हमारी राय आप जानते हैं। मैं अपनी कुछ आदतें बदल ही नहीं सकता। मुझे जानकारी नहीं है। मैं तो कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहा हूं।'
आपको बता दें कि वह लखनऊ में नए भव्य सचिवालय भवन का उद्घाटन करने आए थे। अब यही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का नया कार्यालय भी होगा।
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चाचा-भतीजे की खटास पहले भी हुई
इससे पहले अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच खटास की खबरें तब भी आई थीं जब माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय हुआ था।
हालांकि, बाद में अखिलेश यादव के विरोध के चलते यह विलय निरस्त कर दिया गया था। अखिलेश सपा की छवि को बेदाग और इसमें आपराधिक तत्वों को जगह न देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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टिकट बंटवारे पर यह बोले अखिलेश
अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि टिकट बंटवारे में क्या उनकी बिल्कुल नहीं चल रही है, तो उन्होंने ताश के खेल का जिक्र करते हुए जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि अंत में जीत उसी की होती है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। अखिलेश ने चुनौतीपूर्ण अंदाज में कहा कि विधानसभा चुनाव में अभी समय शेष है और देखिए आखिरी तक क्या होता है।
...जब अखिलेश को हटाया गया पद से
पिछले महीने सपा आंतरिक कलह से गुजर रही थी जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल को पद से हटाया। ये दोनेां ही शिवपाल सिंह के करीबी हैं।
इसके जवाब में पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को प्रदेश प्रमुख के पद से हटा दिया और उनकी जगह शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश प्रमुख बना दिया।