खाट वालों से हमारी लड़ाई नहीं, वह हमारे सहयोगी हो सकते हैं- अखिलेश
अखिलेश यादव बोले गठबंधन का फैसला नेताजी लेंगे, खाट वाले हमारे सहयोगी हो सकते हैं, हमारी उनकी लड़ाई नहीं है
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहली बार परिवार के भीतर झगड़े के बारे में खुलकर बात की, हिंदुस्तान के शिखर समागम कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने कई सवालों के जवाब दिया।
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
की
ओर
किया
इशारा
अखिलेश
यादव
से
जब
पूछा
किया
कि
आपकी
लड़ाई
कांग्रेस
और
तमाम
दलों
से
है
तो
उन्होंने
कहा
कि
हमारी
लड़ाई
में
नहीं
है
वह
हमारे
साथी
हो
सकते
हैं,
उन्होंने
कहा
कि
खाट
वाले
हमारे
साथी
हो
सकते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
मैं
प्रशांत
किशोर
जी
से
एक
बार
मिला
हूं,
अगर
उनकी
कोई
अच्छी
राय
होगी
तो
हम
उसे
मान
लेंगे।
दिल्ली की राजनीति के बारे में अखिलेश ने कहा कि जो दिल्ली से ज्यादा दूर रहता है वह ज्यादा राज करता है, इस बात का इतिहास गवाह है, हम दिल्ली से बड़ा काम कर रहे हैं।
शिवपाल
से
बिफरे
दिखे
सार्वजनिक
मंच
पर
हुए
विवाद
पर
जब
अखिलेश
यादव
से
पूछा
गया
कि
क्या
आप
उस
विवाद
के
बारे
में
अपने
चाचा
से
मांफी
मांगना
चाहेंगे,
तो
उन्होंने
कहा
कि
माइक
किसने
छीना
आपको
पता
ही
नहीं
है,
लेकिन
फिर
भी
अगर
आप
चाहेंगे
कि
मैं
मांफी
मागूं
तो
मांग
लुंगा।
उनसे
जब
पूछा
गया
कि
गठबंधन
के
बारे
में
पार्टी
का
क्या
रुख
है
तो
उन्होंने
कहा
कि
मैं
प्रदेश
अध्यक्ष
नहीं
हूं
इसलिए
सीधा
जवाब
नहीं
दे
पा
रहा
हूं।
अखिलेश यादव के भाषण के मुख्य अंश
- चार में मेट्रो बना रहे हैं और 4 में मेट्रो बनाना चाहते हैं।
- मेरा सुझाव है कि समाजवादियों की सरकार दोबारा उत्तर प्रदेश में हो
- आपका पता होना चाहिए माइक किसने छीना, लेकिन फिर भी आप चाहते हैं कि मैं सॉरी बोलूं तो मैं तैयार हूं
- बाहरी लोगों के नाम आ जाएंगे, उनकी बात करनी पड़ेगी।
- नेताजी ने सबको समझा दिया है, सब साइकिल के साथ हैं।
- परिवार में झगड़ा नहीं है, कमाल के लोग हैं आप लोगों ने हमारा कार्यक्रम लाइव करवा दिया, हमे पता नहीं चला
- नागरिकता जन्म से मिलती है तो सदस्यता भी जन्म से मिलती है, अगर नेताजी के घर में
- जो लोग दूसरे हैं, जिनके पास कुछ नहीं हैं उन्हें लगता है कि शायद()
- बुआ के घर जाओगे कुछ ना कुछ लेकर जरूर आओगे
- हम अपनी बुआ के बारे में एक शब्द नहीं बोल सकते हैं।
- जबसे कुर्ता पायजामा पहनना शुरु किया है कि पैसा नहीं रखता हूं।
- यूपी के कितने बैंक ब्रांच में पैसा पहुंचा, आपकी क्या तैयारी थी, गांवो के लिए क्या तैयारी है ।
- अफवाह फैलाने वाले हो सकता है कि आरएसएस व भाजपा वाले हो सकते हैं।
- आदर्श की परिभाषा बदलनी पड़ेगी, बताना पड़ेगा क्या काम किया
- अच्छे दिन वाले बताकर जाएंगे कि लखनऊ के लिए उन्होंने क्या काम किया
- ठेला लगाने वाला, आईसक्रीम लगाने वालों के पास कौन सा काला धन था
- विरोधी लोगों को सोचना पड़ेगा कि उन्होंने क्या काम किया।
- मेडिकल की सीटों को दो गुना किया है।
- 24 घंटे बिजली दी है भाजपा 26 घंटे कहां से लाएगी