राहुल बोले, देश का युवा काम करना चाहता हैस सरकार उन्हें रोजगार नही दे पा रही है
नई
दिल्ली।
कांग्रेस
उपाध्यक्ष
राहुल
गांधी
गुजरात
में
तीन
दिवसीय
के
दौरे
पर
हैं।
कांग्रेस
उपाध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
गुजरात
विधानसभा
चुनाव
के
लिए
अपना
तीन
दिवसीय
प्रचार
अभियान
सोमवार
को
सौराष्ट्र
क्षेत्र
से
की।
राहुल
गांधी
ने
कहा,
मोदी
जी
ने
दो
करोड़
युवाओं
को
रोजगार
देने
का
वादा
किया
था।
बताइए
अब
तक
कितने
लोगों
को
नौकरी
मिली।
आज
देश
में
रोजगार
नहीं
है।
देश
का
युवा
नौकरी
की
तलाश
में
भटक
रहा
है।
राहुल
गांधी
ने
कहा,
'हिन्दुस्तान
का
युवा
काम
करना
चाहता
है,
देश
को
बनाना
चाहता
है।
बीजेपी
की
सरकार
उसे
रोजगार
नहीं
दे
पा
रही
है।
राहुल अपने इस प्रचार अभियान के तहत खुली जीप में रोड शो करना चाहते थे, लेकिन राज्य पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। लेकिन एक बैलगाड़ी यात्रा करने की उन्हें अनुमति दे दी। पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया, "कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल जी का गुजरात में स्वागत है। जय श्रीकृष्णा।
# LIVE UPDATE
- राहुल गांधी ने की बैलगाड़ी की सवारी
-
हंजारपर
के
खाट
पंचायत
में
शामिल
हुए
कांग्रेस
उपाध्यक्ष
राहुल
गांधी
- GST से छोटे व्यापारियों को नुकसान- राहुल गांधी
-
लाखों
लोगो
का
रोजगार
ठप
हुआ-
राहुल
गांधी
- जीएसटी पर सरकार ने जल्दबाजी की
- राहुल गांधी ने द्वारकाधीश मंदिर में की पूजा
- द्वारकाधीश मंदिर पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
- हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर किया स्वागत
आपको बता दें कि 4 सितंबर को राहुल गांधी ने इस साल के आखिर में होने वाले चुनाव को लेकर बिगुल फूंका था। 182 सीटों वाली गुजरात असेंबली में करीब एक तिहाई सीटें सौराष्ट्र की हैं। साबरमती रिवरफ्रंट पर कांग्रेस वर्कर्स से राहुल गांधी का भी प्रोग्राम है।
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राहुल गांधी सोमवार की रात जामनगर में ही गुजारेंगे। मंगलवार को वे राजकोट जाएंगे। राजकोट, सीएम विजय रूपाणी का गृहनगर है। राजकोट को सौराष्ट्र का अहम केंद्र माना जाता है। राहुल पाटीदार कम्युनिटी के खोडलधाम मंदिर भी जाएंगे।
बीजेपी की बढ़ेगी मुश्किल
हार्दिक पटेल अपने समाज के आरक्षण के लिए बीते दो साल से आंदोलनरत है, लेकिन बीजेपी उनकी मांग को ठुकराती रही है। उनपर देशद्रोह का केस भी दर्ज किया गया और उन्हें जेल भी जानी पड़ी।चुनाव विश्लेषकों की माने तो हार्दिक पटेल की नाराजगी पटेल समाज की नाराजगी है और अगर विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें नहीं मनाया गया तो बीजेपी को उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।