बाहरी लोगों से कानपुर पुलिस लाइन में नौकरी करवा रहे थे 11 फॉलोवर, एक ट्वीट ने खोला फर्जीवाड़ा
कानपुर। फर्जीवाड़े की बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से सामने आई है। यहां कानपुर पुलिस लाइन में तैनात 11 फॉलोवरों ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। वो अपनी जगह बाहरी लोगों से काम करवाते रहे और खुद सरकारी तनख्वाह लेते रहे। इसके बदले ये लोग बाहरी व्यक्ति को पांच से सात हजार रुपए महीना देते थे। इस फर्जी वाड़े का खुलासा एक ट्वीट के बाद हो सका है।
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले एक ट्वीट प्राप्त हुआ था, जिसमें शिकायत की गई थी कि कुछ फॉलोवर अपनी जगह पर किसी और से काम करवाते हैं। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्कालीन सीओ कैंट/सीओ लाइन सत्यजीत गुप्ता को मामले की जांच सौंपी गई थी। सीओ सत्यजीत गुप्ता ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें शिकायत सही पाई गई।
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मुंशी
की
मिलीभगत
से
चल
रहा
था
खेल
एसपी
पश्चिम
डॉ.
अनिल
कुमार
ने
बताया
कि
सीओ
लाइन
की
जांच
रिपोर्ट
सही
पाए
जाने
के
बाद
सभी
को
प्रतिकूल
प्रविष्टि
दी
गई
है।
साथ
ही
चेतावनी
भी
दी
गई
है
कि
भविष्य
में
ऐसी
गलती
हुई
तो
बर्खास्तगी
तक
की
कार्रवाई
हो
सकती
है।
वहीं,
पुलिस
लाइन
में
तैनात
मुंशी
को
हटाकर
पनकी
थाने
भेज
दिया
गया
है।
बता
दें
कि
यह
सारा
खेल
फॉलोवर
और
मुंशी
की
मिलीभगत
से
चल
रहा
था।
इन
पर
हुई
कार्रवाई
एसपी
ने
बताया
कि
सुनील
तिवारी,
शिव
प्रकाश
तिवारी,
आशीष
कुमार
सिंह,
अशोक
कुमार,
अनुपम
कठेरिया,
अमर
सिंह,
लिकधर
प्रसाद,
अनूप
कुमार,
संतोष
त्रिपाठी,
बबिता
और
रूबी
खातून
पर
कार्रवाई
की
गई।
पूरे
खेल
में
फॉलोवर
मुंशी
दीपक
की
मिलीभगत
से
यह
पूरा
फर्जीवाड़ा
हो
रहा
था।
बाहरी
शख्स
से
करवा
रहे
थे
काम
बता
दें
कि
पुलिस
विभाग
में
अफसरों
के
दफ्तर
और
घरों
पर
फॉलोवरों
की
तैनाती
की
जाती
है।
पुलिस
लाइन
में
भी
इनकी
ड्यूटी
लगती
है।
खाना
बनाना,
साफ
सफाई
समेत
रोजमर्रा
के
सारे
काम
यही
देखते
हैं।
पुलिस
लाइन
में
तैनात
11
फॉलोवरों
ने
अपनी-अपनी
जगह
पर
एक-एक
बाहरी
शख्स
को
नौकरी
पर
रख
लिया
और
अपनी
काम
इन्हीं
से
कराते
रहे।
खुद
कोई
ठेकेदारी
करता
रहा
तो
कोई
आराम
फरमाता
रहा।
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