CM तीरथ के 'फटी जींस' के बयान पर अखिलेश का तंज, कहा- बीजेपी नहीं जानती फैशन, बंद करवा देगी पिज्जा-बर्गर भी
लखनऊ। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 'फटी जींस' को लेकर दिए अपने बयान पर माफी मांग ली हो। लेकिन सोशल मीडिया पर उनका विवादित बयान जमकर वायरल हो रहे है। इतना ही नहीं, सीएम तीरथ सिंह रावत के बयानों को लेकर सड़क से संसद तक सियासत गरमा गई है। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रावत के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर फैशन को लेकर नासमझी का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव शुक्रवार की देर शाम कन्नौज पहुंचे। यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग फैशन क्या होता है, यह नहीं जानते। इनको फैशन से कोई मतलब नहीं है। नई पीढ़ी क्या चाहती है वो भी उन्हें नहीं मतलब। भारतीय जनता पार्टी को मौका मिल जाए तो यह नई पीढ़ी जो वॉट्सएप चला रही है और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा देंगे। भाजपा नहीं चाहती कि नौजवान आगे बढ़े, अपनी समझ से रहें, अपनी समझ से जीवन जिएं।
पिज्जा
व
बर्गर
भी
बंद
करवा
देंगे
भाजपा
वाले
अखिलेश
यादव
ने
आगे
बोलते
हुए
कहा
कि
एक
दिन
ऐसा
आएगा
कि
भाजपा
बर्गर
पिज्जा
बंद
करवा
देगी।
कहेगी
यह
नूडल्स
चीन
के
हैं,
यह
भी
बंद
करो।
इसीलिए
ऐसे
विचार
आप
सुनते
हो
फटी
जींस।
अरे
किसी
को
पहनना
है
कुछ
भी
पहने।
आप
बाजार
में
लाने
क्यों
दे
रहे
हो।
भारतीय
जनता
पार्टी
के
स्वदेशी
मंच
के
लोग
कहां
है।
यह
जींस
विदेश
से
ही
आ
रही
होगी।
विदेश
से
ही
हमारे
लोग
तो
सीख
रहे
हैं।
नई
पीढ़ी
यदि
अमेरिका
से
मुकाबला
करना
चाहती
है,
तो
भारतीय
जनता
पार्टी
को
खुश
होना
चाहिए।
क्या
कहा
था
सीएम
तीरथ
सिंह
रावत
ने?
दरअसल,
मंगलवार
(16
मार्च)
को
एक
कार्यक्रम
के
दौरान
उत्तराखंड
के
मुख्यमंत्री
तीरथ
सिंह
रावत
फटी
जींस
पहनने
वाली
महिलाओं
के
संस्कार
पर
सवाल
उठाए
थे।
उन्होंने
कहा,
'मैं
पिछले
दिनों
एक
कार्यक्रम
के
लिए
बाहर
गया
था
और
आते
समय
जब
जहाज
में
बैठा
तो
मेरे
पड़ोस
में
एक
बहनजी
बैठी
थीं।
जब
मैंने
उनकी
तरफ
देखा
तो
नीचे
गमबूट
थे,
जब
और
ऊपर
देखा
तो
घुटने
फटे
थे...हाथ
देखे
तो
कई
कड़े
थे।
उनके
साथ
दो
बच्चे
थे।
मैंने
पूछा,
बहनजी
कहां
जाना
है,
बोलीं-
दिल्ली
जाना
है।
मैंने
पूछा
हसबैंड
कहां
है,
बोलीं-
जेएनयू
में
प्रोफेसर
हैं।
मैंने
पूछा-
आप
क्या
करती
हैं,
बोलीं-
मैं
एनजीओ
चलाती
हूं।
एनजीओ
चलाती
हैं,
घुटने
फटे
दिखते
हैं,
समाज
के
बीच
में
जाती
हो,
बच्चे
साथ
में
हैं,
क्या
संस्कार
दोगी?'