Bhawani Singh Bhati : जूस बेचने वाला भवानी सिंह भाटी बना PTI, 20 बार फेल होकर भी नहीं मानी हार
juice seller Bhawani Singh Bhati PTI : कहते हैं किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है जो मेहनत करते हैं। खुद की काबिलियत पर भरोसा रखते हैं और मुश्किल परिस्थितियों में भी कभी हार नहीं मानते। इस बात का ताजा उदाहरण है जोधपुर का भवानी सिंह भाटी, जो हाल ही शारीरिक शिक्षक बने हैं। खास बात यह है कि भवानी सिंह भाटी जोधपुर में ठेल पर जूस बेचते हैं।
गांव बिरलोका के रहने वाले हैं भवानी सिंह
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में भवानी सिंह भाटी बताते हैं कि वे जोधपुर जिले की ओसियां तहसील के गांव बिरलोका के रहने वाले हैं। गांव के सरकारी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर जोधपुर से कॉलेज शिक्षा पाई। साल 2013 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद अशोक उद्यान के सामने टेबलों पर फल व मशीन रखकर जूस बेचना शुरू कर दिया। बीए के बाद बीपीएड व योगा में डिप्लोमा भी हासिल किया। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी।
20 परीक्षाओं में फेल हुए भवानी सिंह भाटी
ऐसा नहीं है कि भवानी सिंह भाटी को आसानी से कामयाबी मिल गई। राजस्थान शारीरिक भर्ती परीक्षा 2022 में चुने जाने से पहले भवानी सिंह भाटी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में 20 बार असफलताएं देखी हैं। राजस्थान पुलिस, पटवारी, ग्राम सेवक, जेल प्रहरी, एसएससी, बीएसएफ, वनपाल, वनरक्षक समेत 20 परीक्षाएं दी। किसी में भी पास नहीं हुए। पहली बार पीटीआई के रूप में सरकारी नौकरी लगी है।
भवानी सिंह के भाई राजस्थान पुलिस में
बता दें कि ओसियां में 15 अगस्त 1995 को किसान छैलसिंह भाटी व पप्पू कंवर के घर जन्मे भवानी सिंह भाटी की शादी साल 2017 में पड़ोसी गांव त्रिलोका की सरोज कंवर के साथ हुई। भवानी सिंह के भाई तनवीर सिंह भी तीन साल पहले राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल बन चुके हैं। भवानी सिंह अपनी सफलता का श्रेय परिजनों का सपोर्ट व अपनी कड़ी मेहनत को देते हैं।
उत्कर्ष क्लासेस के सीईओ निर्मल गहलोत ने शेयर की सक्सेस स्टोरी
राजस्थान शारीरिक शिक्षक (PTI) भर्ती परीक्षा में बाजी मारने वाले भवानी सिंह भाटी के संघर्ष और सफलता की कहानी उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर (Utkarsh Classes Jodhpur) के फाउंडर एंड सीईओ ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर की है। भवानी सिंह भाटी ने उत्कर्ष क्लासेस जोधपुर से ऑनलाइन कोचिंग करके यह मुकाम हासिल किया है।
जीत का कोई विकल्प नहीं होता
राजस्थान पीटीआई भर्ती परीक्षा में पास हुए भवानी सिंह भाटी का खुद निर्मल गहलोत ने इंटरव्यू लिया है और वीडियो चार दिन पहले अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। वीडियो में निर्मल गहलोत कहते हैं कि 'ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता जो टूट जाए वो संकल्प नहीं होता। हार को लक्ष्य से दूर ही रखना क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता'
भवानी सिंह की जिंदगी युवाओं के लिए प्रेरणादायी
पांच मिनट 17 सेंकड के साक्षात्कार वीडियो में निर्मल गहलोत बताते हैं कि भवानी सिंह भाटी जोधपुर शहर में अशोक उद्यान के सामने पिछले नौ दस साल से जूस का ठेला लगाते हैं, जिस पर वे ऑर्गेनिक जूस बेचते हैं। भवानी ने स्नातक करने के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए जूस की दुकान खोली और साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते रहे। इससे पहले भी निर्मल गहलोत ने 21 जून को योग दिवस के मौके पर भवानी सिंह भाटी के बारे में पोस्ट शेयर कर कहा था कि इनकी जिंदगी उन युवाओं के लिए प्रेरणदायी है, जो समय और आर्थिक तंगी का बहाना करके अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत नहीं करते हैं।
40 तरह के जूस बेचते हैं भवानी सिंह भाटी
इंटरव्यू में भवानी सिंह भाटी ने बताया कि निर्मल गहलोत 21 जून को उनके ठेले पर आए और उन्हें प्रेरणादायी बताते हुए पोस्ट डाली तो उनके आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने अधिक मेहनत से राजस्थान शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 की तैयारी की। मुझे सबकी उम्मीदों पर खरा उतरना था। नतीजा आप सबके सामने है।
रोजाना सुबह तीन बजे जगते हैं
भवानी सिंह भाटी बताते हैं कि वे रोजाना सुबह तीन बजे जगते हैं। मंडी से फल व सब्जी लाते हैं और पांच बजे से ठेले पर 40 तरह के जूस बेचना शुरू कर देते हैं। फिर सुबह 11 बजे से लाइब्रेरी जाकर पढ़ाई करते। खुद के अलावा भवानी सिंह भाटी ने अपने परिवार के पांच युवाओं को भी रोजगार दे रखा है। ये बच्चे भी 12वीं, जीएनएम आदि की पढ़ाई कर रहे हैं।
छोटा भाई संभालेगा अब भवानी की दुकान
भवानी सिंह भाटी का प्लान है कि वे शारीरिक शिक्षक के रूप में ज्वाइन करने के बाद मोबाइल के जरिए जूस घर घर पहुंचाने का प्रयास करेंगे। साथ ही अपनी पूरी दुकान परिवार में छोटे भाई को सौंप देंगे। लॉकडाउन के समय से भवानी सिंह भाटी उत्कर्ष क्लासेस से ऑनलाइन कोर्स लेकर तैयारी की। भवानी सिंह भाटी युवाओं को संदेश देते हैं कि किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए नियमित रूप में पढ़ाई जरूरी है। कोचिंग लेनी हो तो किसी अच्छे संस्थान से लें। ताकि कम समय से अच्छी तैयारी हो सके।
नागौर के डूकिया गांव के 24 युवा बने पीटीआई
राजस्थान पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में राजस्थान के नागौर जिले के गांव डूकिया के युवाओं का दबादबा रहा है। डूकिया के 24 युवा एक साथ पीटीआई बने हैं। गांव के कुल 43 युवाओं ने पीटीआई भर्ती परीक्षा दी थी। चयनितों में दो बेटियां भी शामिल हैं।