Jammu Kashmir में आतंकी लिंक का आरोप, पांच सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, अब तक कुल 44 Termination
आतंकियों से लिंक के आरोप में जम्मू-कश्मीर के पांच सरकारी कर्मचारियों को सेवा से निकाल दिया गया है। jammu kashmir five govt employees terminated Govt Sources
Jammu Kashmir में पांच सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया, आतंकी संबंधों, नार्को-टेरर सिंडिकेट चलाने और आतंकी हमलों को अंजाम देने में मदद के आरोप लगे हैं। जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है इनके खिलाफ जांच के आदेश जुलाई, 2020 में दिए गए थे। इससे पहले 39 कर्मचारी भी ऐसे ही आरोपों के तहत बर्खास्त किए जा चुके हैं।
किन लोगों को बर्खास्त किया गया
जम्मू
कश्मीर
के
जिन
सरकारी
कर्मचारियों
को
टर्मिनेट
किया
गया
है,
इन
पर
प्रतिबंधित
संगठनों
की
सहायता
करने
के
आरोप
लगे
हैं।
कर्मचारियों
की
बर्खास्तगी
के
बारे
में
इंडिया
टुडे
की
रिपोर्ट
में
कहा
गया,
सरकारी
कर्मचारियों
को
संविधान
के
प्रावधान
311(2)(सी)
के
तहत
बर्खास्त
किया
गया
है।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
बर्खास्त
कर्मचारियों
में
एक
कॉन्सटेबल,
बैंक
कर्मचारी
और
पीएचई
कर्मचारी
(जल
शक्ति
मंत्रालय
के
तहत)
शामिल
है।
कॉन्सटेबल पर आतंकियों के हथियार रिपेयरिंग का आरोप
आतंकी लिंक के लिए बर्खास्त किए गए पांच सरकारी कर्मचारियों में कॉन्सटेबल तनवीर सलीम डार पर आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का सहयोग करने का आरोप है। तनवीर सलीम डार को 1991 में नियुक्त किया गया था। जुलाई 2002 में, तनवीर को बटालियन मुख्यालय में 'आर्मरर' के पद पर पोस्टिंग मिली। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक तनवीर के मामले की जांच से पता चला है कि उसने आर्मरर की पोस्टिंग को आतंकवादियों के हथियारों की मरम्मत करने और उनके लिए गोला-बारूद की व्यवस्था करने के लिए भी किया।
MLC की हत्या में अहम भूमिका रही
रिपोर्ट के मुताबिक कॉन्सटेबल सलीम तनवीर को श्रीनगर में लश्कर-ए-तैयबा के सबसे महत्वपूर्ण आतंकवादी कमांडर और रसद प्रदाता के रूप में भी जाना जाता था। सलीम की आतंकी साठगांठ की जांच के दौरान पता चला है कि तनवीर श्रीनगर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। एमएलसी जावेद शल्ला की हत्या में भी सलीम की अहम भूमिका रही है।
जांच एजेंसियों से करीबी संबंध, कई FIR दर्ज
तनवीर के खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज हैं। कोठीबाग थाना, श्रीनगर में दर्ज प्राथमिकी में भी तनवीर नामजद है। आरोप है कि लश्कर के अलावा तनवीर ने आतंकी संगठन हिजबुल मुताहिदीन के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में भी काम किया। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में मौजूद आतंकवादियों के साथ भी तनवीर के घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं। उन पर नार्को आतंकी वित्तपोषण (Narco terror financing) में शामिल होने का भी आरोप है। भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ भी तनवीर के बहुत करीबी संबंध बताए जाते हैं। हंदवाड़ा थाने में भी तनवीर पर FIR दर्ज है। केस एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया है।
बर्खास्त कर्मचारियों की पहचान
आतंकी लिंक के आरोप में बर्खास्त चार और सरकारी कर्मचारियों की पहचान अफाक अहमद वानी, इफ्तिखार अंद्राबी, इरशाद अहमद खान और अब्दुल मोमिन पीर के रूप में हुई है। दी डेली एक्सरसाइजर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत पांच कर्मचारियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने का आदेश दिया।
2020 में जांच का आदेश, दो साल बाद बर्खास्त
अनुच्छेद 311, केंद्र या राज्य सरकार को सिविल सेवक के रूप में नियोजित व्यक्ति (employed in civil capacities) को बर्खास्त करने का अधिकार देता है। कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने पांच कर्मचारियों को राज्य की सुरक्षा के हितों के प्रतिकूल गतिविधियों में शामिल पाया गया। जुलाई 2020 में सरकारी आदेश संख्या 738-जेके (जीएडी) 2020 के तहत गठित समिति ने इनपुट, रिकॉर्ड और संज्ञेय सामग्री की जांच के बाद पांच कर्मचारियों को बर्खास्त करने की सिफारिश की।
बैंक मैनेजर से लेकर PHE कर्मचारी भी शामिल
अफाक अहमद वानी बारामूला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। इफ्तिखार अंद्राबी को पौधरोपण पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। इरशाद अहमद खान साल 2010 में जल शक्ति विभाग में अर्दली नियुक्त किए गए थे, जबकि अब्दुल मोमिन पीर को 2014 में पीएचई उपखंड में सहायक लाइनमैन के रूप में नियुक्त किया गया था। बता दें की पीएचई विभाग जल शक्ति मंत्रालय के तहत पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (PHE) के रूप में जाना जाता है।
इरशाद के खिलाफ चार से अधिक FIR
इरशाद अहमद खान पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करने के अलाा आतंकवादियों को भारत से भाग निकलने में मदद करने का भी आरोप है। डेली एक्सरसाइजर के मुताबिक इरशाद के खिलाफ चार से अधिक FIR दर्ज हैं।
किन मामलों में दर्ज हुआ FIR
अफाक अहमद वानी को भी तनवीर की तरह नार्को टेरर मॉड्यूल का हिस्सा बताया जाता है। हंदवाड़ा थाने में अफाक के खिलाफ नारकोटिक्स कानून के तहत भी मामला दर्ज है। वानी के पास से भारी मात्रा में नकदी और हेरोइन भी बरामद हो चुकी है। मादक पदार्थ हेरोइन की बिक्री, खरीद, परिवहन और भंडारण जैसे कृत्यों में भी अफाक संलिप्त रहा है।
टेरर फाइनांसिंग और पाकिस्तान का दौरा
पीर पर भी नार्को टेरर फाइनेंसिंग का आरोप लगा है। आरोप है कि आतंकवाद-अलगाववादी अभियानों के व्यापक उद्देश्यों की समझ विकसित करने के मकसद से पीर 2016 और 2017 में पाकिस्तान का दौरा भी कर चुका है। उसके पास से भी भारी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई है। पीर के खिलाफ भी हंदवाड़ा थाने में एफआईआर दर्ज है।
'सरकारी तंत्र' में छिपने की कोशिश, सख्त कार्रवाई करेगी सरकार
गौरतलब है कि आतंकी कृत्य और आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार ने देश विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। राष्ट्रविरोधी तत्व सरकारी तंत्र से जुड़ने के कारण कानून से चकमा देते रहे हैं। इन पांच सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी से पहले, सरकार 39 और अधिकारियों को बर्खास्त कर चुकी है। ये कार्रवाई भी संविधान के अनुच्छेद 311 के प्रावधानों के तहत की गई है। सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
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