जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में हिंदू भजन-सूर्य नमस्कार पर प्रतिबंध की मांग की, लेकिन उमर अब्दुल्ला की राय अलग
श्रीनगर, 25 सितंबर। जम्मू कश्मीर में स्थानीय मुस्लिम संगठनों ने मांग की है कि जम्मू कश्मीर के स्कूलों में हिंदू भजन, सूर्य नमस्कार पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। मुत्तहिद मजलिस ए उलेमा के इस्लामिक स्कॉलर्स ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से मांग की है कि यहां के स्कूलों में भजन और सूर्य नमस्कार पर प्रतिबंध लगाया जाए। बता दें कि मुत्हिद मजलिस ए उलेमा में 30 इस्लामिक संगठन आते हैं, इसके साथ ही इसमे कई शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं।
मुस्लिम संगठनों ने किया विरोध
धार्मिक नेताओं ने मांग की है कि कश्मीर डिविजन में स्थित स्कूलों में हिंदू भजन गाने और सूर्य नमस्कार करने से स्थानीय मुसलमानों की भावनाएं आहत होती हैं। शनिवार को ये तमाम इस्लामिक नेताओं ने जामिया मस्जिद में मुलाकात की और इस दौरान यह प्रस्ताव पारित किया कि घाटी के स्कूलों में बच्चों से भजन गाने को कहना और सूर्य नमस्कार करने के लिए कहने से स्थानीय मुसलमानों में नाराजगी है। इसके साथ ही मुस्लिम संगठनों ने इस तरह के काम कश्मीर की पहचान को कम करने के लिए किए जा रहे हैं।
महबूबा मुफ्ता ने खड़ा किया सवाल
प्रस्ताव में कहा गया है कि हम कड़े शब्दों में हिंदुत्व एजेंडा को स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में आगे बढ़ाने का विरोध करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इस विवाद को एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करके और हवा दी थी। वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल में बच्चे भजन गा रहे हैं, सूर्य नमस्कार कर रहे हैं। यह वीडियो दक्षिण कश्मीर स्थित कुलगाम जिले के एक सरकारू स्कूल का है, जहां शिक्षक के कहने पर बच्चे भजन गा रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला ने किया बचाव
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम दो देशों के सिद्धांत पर भरोसा नहीं करते हैं। भारत एक गैर सांप्रदायिक, धर्मनिरपेक्ष देश है। अगर मैं भजन गा रहा हूं तो क्या यह गलत है। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 30 सितंबर को तीन दिन के दौरे पर जम्मू कश्मीर जा रहे हैं। यहां वह दो रैलियों को संबोधित करेंगे। अमित शाह 1 और 2 अक्टूबर को राजौरी और बारामूला में रैली को संबोधित करेंगे।
Jailing religious scholars, shutting down Jama Masjid & directing school kids here to sing Hindu hymns exposes the real hindutva agenda of GOI in Kashmir. Refusing these rabid dictates invites PSA & UAPA. It is the cost that we are paying for this so called “Badalta J&K”. pic.twitter.com/NssOcDP4t6
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 19, 2022