Rajasthan: देश के दोनों प्रमुख सदन के मुखिया राजस्थान से, ममता बनर्जी ने नहीं डाला वोट, जानिए वजह
जयपुर, 7 अगस्त। देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनकड़ सर्वाधिक मतों से जीतकर उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए हैं।उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनकड़ को 528 वोट मिले हैं। अब देश के दोनों प्रमुख सदनों पर राजस्थान का कब्जा हो गया है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के मुखिया राजस्थान से हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर जगदीप धनकड़ काम करेंगे। प्रदेश में इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत उपराष्ट्रपति रह चुके हैं।
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सर्वाधिक मतों से जीते धनकड़
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में जगदीप धनकड़ को सर्वाधिक 528 मत मिले हैं। जबकि विपक्ष की प्रत्याशी मार्ग्रेट अल्वा को 182 मत मिले। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अब तक के सबसे ज्यादा मत जगदीप धनकड़ को मिले हैं। इतने मत पहले के उपराष्ट्रपति चुनाव में कृष्णकांत, हामिद अंसारी, भैरों सिंह शेखावत और वैकैया नायडू को भी नहीं मिले थे। इसकी वजह सदन में भाजपा का भारी बहुमत में होना है। जगदीप धनकड़ राजस्थान विधानसभा में विधायक रह चुके हैं। केंद्र में चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। एक बार लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। राज्यसभा में वे पहली बार प्रवेश कर रहे हैं। धनकड़ कभी राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे।
ममता बनर्जी ने नहीं दिया वोट
जगदीप धनकड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धनकड़ से सबसे ज्यादा खफा थी। बतौर राज्यपाल धनकड़ ममता बनर्जी के कामकाज और राजनीतिक फैसलों में पूरा दखल करते थे। मुख्यमंत्री बनर्जी ने उनसे पीछा छुड़ाने के भरसक प्रयास किए। ममता बनर्जी राज्यपाल को बदलवाना चाहती थी। जब धनकड़ को उपराष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया गया। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के सांसदों ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में उनके खिलाफ वोट नहीं डाला। टीएमसी ने एक भी वोट नहीं डाला। तूणमूल कांग्रेस के 34 सांसदों ने वोट नहीं डाला। ममता बनर्जी के इस फैसले के पीछे अटकले लगाई जा रही है कि मोदी से उनका कोई पैक्ट था।