राजस्थान : अशोक गहलोत और सचिन पायलट में हुई सुलह, अजय माकन ने निभाई बड़ी भूमिका
जयपुर। राजस्थान में सियासी संग्राम के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट गुट के बीच जमी बर्फ अब पिघलने लगी है। राजनीतिक रिश्तों में इस बर्फ को पिघलाने में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन की बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका से पिछले साल प्रदेश में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। अब महेश जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका - एसएलपी को वापस लेने के लिए अर्जी दाखिल कर दी है।
बता दें कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की बगावत के बाद मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 13 जुलाई 2020 को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें सभी विधायकों पर पार्टी व्हिप के उलंघन का आरोप लगाया था। वहीं इस पर स्पीकर ने 16 जुलाई को सभी विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन पायलट गुट ने स्पीकर के समक्ष पेश न होकर नोटिस को ही हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी।
इस पर हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 24 जुलाई को स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करके सभी पक्षों से जवाब मांगा है।
इस बीच महेश जोशी ने एसएलपी वापस लेने की अर्जी दाखिल कर दी, लेकिन अभी भी स्पीकर सीपी जोशी की SLP बरकरार रहेगी। स्पीकर के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से स्पीकर के अधिकारों में हस्तक्षेप हुआ है। यह एक संवैधानिक प्रश्न है। इसे सुप्रीम कोर्ट को तय करना है, हम एसएलपी वापस नहीं लेंगे।