राजस्थान विधानसभा सत्र : पंजाब के बाद अशोक गहलोत सरकार ने भी पेश किए कृषि संबंधी नए बिल
जयपुर। राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। सत्र में कृषि बिल समेत चार विधयेक पेश किए गए हैं। सदन की शुरुआत शोकाभिव्यक्ति से हुई। इसके बाद विधेयक रखने जाने का सिलसिला शुरू हुआ। केंद्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध को देखते हुए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कृषि संबंधी नए बिल पेश किए हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए विधायकों की बैठक व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग रखी गई। कोरोना गाइड लाइन का पालन भी किया गया।
राजस्थान के चार विधेयक
1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक 2020
2.
कृषक
सशक्तिकरण
और
संरक्षण
कीमत
आश्वासन
व
कृषि
सेवा
पर
करार
राजस्थान
संशोधन
बिल
2020
3.
आवश्यक
वस्तु
विशेष
उपबंध
और
राजस्थान
संशोधन
विधेयक
2020
4.
सिविल
प्रक्रिया
संहिता
राजस्थान
संशोधन
बिल
2020
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने चारों बिल पेश किए
सुबह 11 बजे राजस्थान विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा सचिव ने सदन के पटल पर उन बिलों का विवरण रखा, जिन पर राज्यपाल की अनुमति मिल गई। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने चारों बिल पेश किए।
इनके साथ ही धारीवाल ने राजस्थान महामारी संशोधन बिल भी सदन में रखा। इसके बाद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने राजस्थान पशु चिकित्सा संशोधन बिल पेश किया। इन बिलों पर 2 नवंबर को बहस कराई जाकर पारित कराए जाएंगे।
पहले पंजाब भी कर चुका है ऐसा
बता दें कि राजस्थान की गहलोत सरकार केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों का राजस्थान में प्रभाव 'निष्प्रभावी' करने के लिए संशोधन विधेयक लाई है। कांग्रेस शासित पंजाब में ऐसा कानून हाल ही में विधानसभा में पारित किया जा चुका है। राजस्थान में सीएम गहलोत इस बारे में पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा करेगी और इसके लिए राजस्थान में नया कानून बनाया जाएगा।
केंद्रीय कानूनों में दखल देने की कोशिश कर रही कांग्रेस-राठौड़
इधर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक ला रही हैं। यह संघवाद की भावना के विपरीत है। राठौड़ ने कहा कि संविधान में अधिकार नहीं होते हुए भी प्रदेश सरकार राजस्थान विधानसभा में केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि और कृषि व्यापार से जुड़े तीन कानूनों में दखल देने की कोशिश की कर रही है। इन विधेयकों का बीजेपी पुरजोर तरीके से विरोध करेगी।
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