Congress उदयपुर के चिंतन शिविर के ब्लू प्रिंट से करेगी पार्टी का कायाकल्प, जानिए पूरा मामला
Congress के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बुधवार को आधिकारिक तौर पर पदभार ग्रहण करने के साथ ही पार्टी के कायाकल्प की उम्मीदें बढ़ गई है। पार्टी की निर्भर तमाम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नए अध्यक्ष खड़गे को बुधवार को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई है कि उनके नेतृत्व में पार्टी को प्रेरणा मिलेगी और वह लगातार मजबूत होगी। वही खड़गे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इस साल मई में उदयपुर में सोनिया गांधी के नेतृत्व के तहत तैयार किए गए ब्लूप्रिंट को लागू करना उनकी जिम्मेदारी है। उदयपुर नव संकल्प चिंतन शिविर में हमने तय किया था कि पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए आरक्षित रहेंगे। सभी संगठनात्मक पद भरे जाएंगे। सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलजुल कर आगे बढ़ने का आह्वान किया है और कहा कि कांग्रेस ने कभी संकट के सामने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानेगी। मुझे विश्वास है कि खड़गे से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी। एक संदेश मिलेगा और इनके नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत होगी।
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नेता,
जानिए
पूरी
रणनीति
प्रियंका गांधी ने की सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर अपनी मां सोनिया गांधी के प्रति सम्मान जताते हुए लिखा कि मुझे पता है आपने यह सब प्यार के लिए किया है। प्रियंका ने सोशल मीडिया पर अपने भावनात्मक पोस्ट में अपने माता पिता की एक तस्वीर डाल कर लिखा कि आप पर गर्व है।
पार्टी ने की सोनिया गांधी के योगदान की सराहना
सोनिया गांधी की योगदान की सराहना करते हुए पार्टी ने बयान में कहा कि उन्होंने आम सहमति और विकास के साझा न्यूनतम कार्यक्रम को एक राजनीतिक मूल्य में बदल दिया और अपने राजनीतिक कौशल के साथ देश की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न राजनीतिक विचारधारा वाले दलों और समूहों और लोगों को एक मंच पर ला दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष का पद मौजूदा दौर में कांटों का ताज
कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बतौर कांग्रेस अध्यक्ष जिम्मेदारी को अगर काटो का ताज कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। उनका कार्यकाल ऐसे समय पर शुरू हुआ है। जब कांग्रेस चुनावी रूप से सबसे खराब स्थिति में है और उसे लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा 2020 से पार्टी करीब 10 चुनाव हार चुकी है। उसे विपक्ष में भी क्षेत्रीय दलों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।