Rajasthan में 50 फीसदी कम हुई सीएम अशोक गहलोत के पास आने वाली शिकायतें, जानिए पूरी वजह
Rajasthan में आमजन से संबंधित मामलों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक आने वाली शिकायतों में 50 फीसदी की कमी आई है। इसे कांग्रेस के भीतर चल रहे अंतर्कलह का सरकार पर असर कहेंगे या गहलोत सरकार का सुशासन। लेकिन राजस्थान में ऐसा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अभाव अभियोग निराकरण विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में शिकायतों को लेकर यह जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को कहा कि सुशासन की संकल्पना को तभी साकार माना जा सकता है। जब आमजन के काम समय पर होने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित एवं उचित निस्तारण हो सके।
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निस्तारण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर हो कार्रवाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली समस्याओं को समय बाद रूप से निस्तारित करने तथा संतोषजनक रिप्लाई देने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि जिन अधिकारी एवं कार्मिकों के स्तर पर आमजन की समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही की जा रही है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। जनसाधारण की समस्याओं के समाधान के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जनसुनवाई की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना गया है। आमजन की समस्याओं का प्रभावी रूप से निचले स्तर पर ही त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।
हेल्पलाइन 181 के प्रचार प्रसार के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश
बैठक में हेल्पलाइन 181 पर 1 जनवरी 2019 से अब तक लगभग 73 लाख प्रकरण पंजीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग 98 फीसदी प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। गहलोत ने हेल्पलाइन 181 के अधिक प्रचार प्रसार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं के त्वरित एवं उचित निस्तारण के चलते प्रदेशवासियों में सरकार के प्रति संतुष्टि का भाव बढ़ा है। गहलोत ने कहा कि समस्याओं के निस्तारण की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। गहलोत ने अपराधों एवं कानून व्यवस्था से संबंधित शिकायतों के प्रभावी एवं त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। ताकि फरियादी को समयबद्ध रूप से न्याय मिलना सुनिश्चित किया जा सके।
प्रदेश के अंतिम छोर पर बैठे आमजन को मिले राहत
राज्य के जनअभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने कहा कि अभियोग में प्राप्त परिवेदनाओं के त्वरित निस्तारण के साथ नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। जनसुनवाई की व्यवस्था को मजबूत करने से गांव-ढाणी तक के लोगों की समस्याओं का प्रभावी निस्तारण और निराकरण सुनिश्चित हो सका है। राज्य सरकार का मकसद है कि प्रदेश में अंतिम छोर पर बैठे आम आदमी को राहत चाहिए। उस दिशा में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।