भाजपा कोर कमेटी की बैठक बाद बदले राजस्थान के सियासी समीकरण, ओबीसी मोर्चा की बैठक में शामिल होंगी राजे
जयपुर, 6 सितम्बर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जोधपुर में होने वाली भाजपा की ओबीसी मोर्चा की बैठक में शामिल होंगी। भाजपा कोर कमेटी की जयपुर में आयोजित बैठक में यह फैसला किया गया। पार्टी सूत्रों की माने तो राजे को पहले जोधपुर में होने वाली बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था।लेकिन शीर्ष नेतृत्व के निर्देश के बाद पार्टी ने राजे को जोधपुर में आयोजित होने वाली बैठक में आमंत्रित करने का फैसला किया है। बैठक में राजस्थान भाजपा के कोर ग्रुप से जुड़े सभी नेता शामिल होंगे। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में राजे को बैठक में नहीं बुलाने की खबरें चल रही थी।
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बैठक में शामिल नहीं हुए दिग्गज नेता
भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव, और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य ओम माथुर शामिल नहीं हुए थे। वसुंधरा राजे पारिवारिक कामकाज से दिल्ली में हैं। भूपेंद्र यादव हरियाणा में व्यस्त हैं और माथुर स्वास्थ्य कारणों के चलते बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। बैठक में जोधपुर में अमित शाह के दौरे की तैयारी और गहलोत सरकार के खिलाफ चुनावी रणनीति के मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 10 सितम्बर को जोधपुर में आयोजित होने वाली ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। इस दौरान शाह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करेंगे।
सीएम फेस को लेकर है संशय
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है। प्रदेश भाजपा में सीएम फेस को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में संशय बना हुआ है। इसके चलते पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा भी है। प्रदेश में पार्टी जमीनी स्तर पर तो मजबूत है। लेकिन प्रदेश नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया प्रदेश में खुद को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पार्टी नेतृत्व की पहली पसंद हैं। वसुंधरा राजे राजस्थान में जनता में लोकप्रिय नेता हैं। जमीनी स्तर पर उनकी पकड़ मजबूत हैं। ऐसी स्थिति में कार्यकर्ताओं में अपने नेता को लेकर असमंजस है। उधर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी मुख्यमंत्री की दावेदारी को लेकर सक्रीय हैं। विधानससभा चुनाव में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से होना है। बीजेपी में मुख्यमंत्री बनने के लिए नेताओं की लम्बी सूची तैयार है। ऐसे में राजस्थान में विधानसभा का चुनाव में भाजपा की राह उतनी आसान नहीं होने वाली हैं।