उत्तरकाशी हादसा: जब एक साथ उठी ‘24 अर्थियाँ’, तो दर्द से भर गया ‘पन्ना’
मंगलवार की सुबह सभी का अंतिम संस्कार हुआ। पन्ना जिले के 9 गांवो से तीर्थयात्रा के लिए लोग गए हुए थे। यात्रा के पहले पड़ाव यमनोत्री पहुँचने के करीब 70 किलोमीटर पहले यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में पलट गई थी। Uttarkashi I
पन्ना, 07 जून: उत्तरकाशी बस हादसे में शिकार हुए मप्र के पन्ना जिले के 24 तीर्थयात्रियों का मंगलवार को अंतिम संस्कार हुआ। एक दिन पहले सभी के पार्थिव शरीर एयरफोर्स के विमान से खजुराहों एयरपोर्ट पहुंचे थे। मंगलवार को यहाँ के 9 गांवों से जब एक साथ 24 अर्थियाँ उठी, तो लोगों का दिल कांप उठा और नम आँखों से पूरा 'पन्ना' भर गया। यहाँ के लोगों ने एक साथ इतनी चिताएं जलती शायद ही पहले कभी देखी हो। इस दर्द भरी दास्ताँ में सांठा बुधसिंह गांव में इकलौते डॉक्टर राजाराम भी नहीं रहे। यहाँ जली एक साथ 8 चिताओं में एक ही परिवार 4 सदस्य भी शामिल थे।
एक साथ 24 अर्थियाँ देख दर्द से भर गया ‘पन्ना
मप्र का पन्ना जिला जो दुनिया में हीरे के लिए मशहूर है। यहाँ की खदाने लोगों की जिंदगी बदल देती है। लेकिन रविवार की शाम इस जिले के रहने वाले 24 लोगों के लिए 'काल' साबित हुई। जिन घरों से लोग उत्तराखंड चार धाम की यात्रा के लिए गए थे, उनके परिजनों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि यात्रा पर गए लोगों की वापसी पार्थिव देह के रूप में होगी। एक पल में एक साथ 24 जिंदगियां मौत में बदल गई। किसी के सिर से हीरे जैसे पिता का साया उठ गया, किसी का आँगन लाडली माँ के बिना सूना हो गया, तो किसी के परिवार में सिर्फ अब उनकी तस्वीर ही बची है। सरकार की मदद से उत्तरकाशी से सभी मृतकों के शव अगले दिन देर शाम गृह ग्राम पहुंचे। मंगलवार की सुबह सभी का अंतिम संस्कार हुआ। जिले के 9 गांवो से तीर्थयात्रा के लिए लोग गए हुए थे। यात्रा के पहले पड़ाव यमनोत्री पहुँचने के करीब 70 किलोमीटर पहले यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में पलट गई थी।
अंतिम यात्रा निकलते ही रो पड़े गांव
मप्र के पन्ना जिले के तीर्थयात्रियों के इस हादसे ने कई इबारते लिख दी। गांव के जिन लोगों की मौत हुई, जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो पूरा का पूरा गांव रो पड़ा। भले ही मृतक उनके सगे संबंधी नहीं थे, लेकिन उनके परिवार में फूटे दुःख के पहाड़ के सामने उन लोगों के लिए सगे से बढ़कर बन गए। जिस गली-मोहल्ले से अंतिम यात्रा निकली हर एक की आँखे नम हो गई। नियति ऐसी, कि दुर्घटना में नौ जोड़े अब इस दुनिया में नहीं है। यात्रा में शामिल एक ही जोड़ा बचा है, जो घायल अवस्था में इलाजरत है।
एक ही परिवार के 6 लोग, कोविड खत्म होने का था इंतजार
मृतकों के हर घर की लगभग एक जैसी दास्ताँ है। चार धाम की यात्रा के लिए पन्ना जिले से गए अधिकांश मृतक दो साल पूर्व यात्रा पर जाना चाहते थे। लेकिन उस वक्त कोरोना की बंदिशों की वजह से वह यात्रा नहीं कर सकें। जब कोरोना से मुक्ति मिली और तीर्थ करने के अरमान संजोए तो नियति को कुछ और ही मंजूर रहा। साटा बुधसिंह गांव से आठ लोगों में 6 लोग एक ही परिवार के थे। गांव के ही राजाराम सिंह और गीता सिंह की भी मौत हुई। राजाराम इस गांव में इकलौते डॉक्टर थे। जो अब इस दुनिया में नहीं है। द्विवेदी परिवार के जिन 6 लोगों की मौत हुई, उनके परिजन बताते है कि हादसे से करीब आधे घंटे पहले यात्रा पर गए, उनके घर के सदस्यों ने वीडियों कॉल पर उत्तरकाशी के पहाड़ दिखाए थे। सभी यात्रा से न सिर्फ खुश थे, बल्कि ट्रेवल एजेंसी द्वारा दी जा रही सुविधाओं से भी खुश थे।
अधिकांश घरों में नहीं जला चूल्हा
पन्ना जिले के गांवों में पसरे मातमी सन्नाटे के बीच कई तस्वीरे सामने आई। किसी भी इंसान की जिंदगी में यही वह क्षण होते है, जब उसकी संवेदनाओं का पता चलता है। हर रोज सड़क हादसों और अन्य दुर्घटनाओं में लोगों की जान जाते देखी, सुनी और पढ़ी जाती है। लेकिन जलती चिताओं की उठती लपटों के बीच सांटा बुधसिंह गांव के अधिकांश घरों में चूल्हा तक नहीं जला। दुखी परिवारों के साथ दूसरे लोग भी अपना समझकर खड़े है। उनके दिलों में मृतकों के लिए वही संवेदनाएं है, जैसे उनके घर के किसी सगे-संबंधी के प्रति होती है। गांव के ही एक बर्मन परिवार में बेटे की बारात जाने की तैयारी थी। लेकिन दूल्हे की बगैर गाजे-बाजे के ही घर से निकासी हुई।
मप्र सरकार ने निभाई परिवार की भूमिका
दिल को झकझोर देने वाले इस हादसे की जैसे ही खबर लगी, तो मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उत्तराखंड सरकार से संपर्क साधा। चूँकि कई फीट गहरी खाई में बस गिरी तो राहत बचाव कार्य होते-होते लोगों की जान बचने की संभावना नहीं बची। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के खजुराहों संसदीय क्षेत्र में ही पन्ना जिला आता है, तो रात को शर्मा समेत मुख्यमंत्री और प्रशासन के आलाअफसर घटना स्थल पहुँच गए। दूसरे दिन सभी शवों को उनके गृह ग्राम पूरे सम्मान के साथ भिजवाने का प्रबंध किया। केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार ने भी मृतक परिवार के लोगों को आर्थिक मदद दी है।
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