गज़ब का है ये कलेक्टर, घायल गायों की उतारते है आरती, दुलार से खिलाते है चारा
जबलपुर, 27 सितंबर: प्रशासनिक सेवाओं में यूं तो आईएएस आईपीएस अफसर सिर्फ अपने काम से ही मतलब रखते हैं। नौकरी के दौरान चाहे जनता हो या फिर उनके मातहत अफसरों के कई रूप देखते है। लेकिन जबलपुर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. का अंदाज जुदा है। वह जिले में संचालित जैन समाज की गौ शाला पहुंच गए। जहां धार्मिकता में लीन होकर गायों की सेवा और पूजा करते दिखे। इस नज़ारे को देख गौ शाला प्रबंधन भी हैरान रह गया, कि पहली बार जिले के किसी मुखिया सरकारी अफसर ने पहली बार गायों के प्रति इतनी दिलचस्पी दिखाई।
नाम भले ही ‘राजा’, लेकिन काम हर तरह के सेवक का
जबलपुर जिले के कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. के नाम में भले ही 'राजा' जुड़ा है, लेकिन उनकी कार्यशैली और जनता के बीच पहुंचकर अफसरी का अंदाज दूसरों से हटकर है। जिले में आवारा चाहे बीमार गाय हो, उनकी देखरेख जैन समाज की संस्था कई सालों से करते रही है। नर्मदा किनारे तिलवारा घाट के पास समाज के लोगों ने दयोदय तीर्थ विकसित किया है। जहां बहुउपयोगी गौ शाला की स्थिति देखने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. पहुँच गए। कहने के लिए इसे सरकारी ड्यूटी का हिस्सा हो सकता हैं। लेकिन इलैयाराजा का यहां जो अंदाज नजर आया, वह दूसरों से बिल्कुल जुदा है।
दुलारते, चारा खिलाते, आरती उतारते कलेक्टर
दयोदय तीर्थ के गौशाला पहुंचे कलेक्टर यहां मौजूद गायों के बीच पहुंचे। यहां गौ-सेवा के लिए की गई व्यवस्थाओं को देख बेहद खुश हुए। वह अपने आप को भी नहीं रोक पाए और बचपन के दिनों की तरह गायों को दुलार करने लगे। अपने हाथों गायों के आहार के लिए चारा भी डाला और माला पहनाकर आरती पूजा की।
सेवा पखवाड़ा के जरिए गौ-रक्षा का संदेश
गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी के तहत जगह-जगह गौ सेवा दिवस का भी आयोजन किया गया। धार्मिक मान्यताओं में गायों को गौ माता का दर्जा है और हिन्दू धर्म में पूजा जाता है। गौ शालाएं शहर में आवारा गायों के लिए आश्रय स्थल के साथ वरदान से कम नहीं। आधुनिकता के युग में शहरों में गौ-पालन की परंपरा कम हो गई है। लेकिन अभी भी जो लोग गाय को पालते कई बार उन्हें सड़कों पर छोड़ देते है। जिससे वह हादसे का शिकार हो जाती है। इस सेवा पखवाड़े के जरिए कलेक्टर ने गौ-रक्षा का सन्देश भी दिया।
बीमार घायल गायों के लिए ट्रामा यूनिट
इसी तरह गोसलपुर में आचार्य श्रीविद्यासागर आश्रम समिति की गौशाला भी स्थापित है। यहां बीमार घायल गायों के इलाज के लिए ट्रामा यूनिट भी स्थापित की गई है। यहां गायों की देखभाल के लिए तत्पर रहने वाले पशु चिकित्सक और सेवकों की कार्यशैली काबिले तारीफ है। व्यस्त यातायात और हाईवे जैसे मार्गों पर वाहनों की टक्कर से घायल होने वाले गौ वंश को यहां लाया जाता है। इंसान की तरह उनकी देखरेख और इलाज की सुविधा दी जाती है।
लम्पी वायरस की रोकथाम और सतर्कता की अपील
कलेक्टर
ने
इस
दौरान
गौ
शाला
प्रबंधनों
से
तेजी
से
फ़ैल
रही
लम्पी
वायरस
की
बीमारी
के
प्रति
पशु
मालिकों
को
जागरूक
करने
की
अपील
की
है।
पशु
विभाग
द्वारा
गौ
शालाओं
की
सभी
गायों
को
टीके
भी
लगाए
गए
है।
साथ
ही
इस
बीमारी
के
लक्षण
वाले
मवेशियों
को
आइसोलेट
करने
अलग
व्यवस्था
की
जा
रही
है।
जिले
में
दो
लाख
से
ज्यादा
गौ-वंश
दर्ज
है।
जिसके
अनुपात
में
वैक्सीन
की
पर्याप्त
व्यवस्था
की
जा
रही
है।
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