सराफा में हवाला, झाँसी वाला कर रहा था कारोबार, लाखों की नकदी के साथ दो गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि सराफा बाजार की आड़ में लंबे वक्त से अग्रवाल मार्केट स्थित एक ऑफिस में हवाला कारोबार किया जा रहा था। जिसकी भनक लगने पर जब पुलिस ने ऑफिस में दबिश दी तो लाखों की नकदी के साथ दो युवक मिले। अमित क्षत्रिय नोट
जबलपुर, 16 जून: सराफा मार्केट में हवाला कारोबार में लिप्त एक दफ्तर पर जबलपुर पुलिस ने दबिश देकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक पेंसिल से नोटों के नंबर लिखकर इस कारोबार को किया जाता था। मौके से पुलिस ने 42 लाख 54 हजार 300 रूपये नकदी और नोट गिनने की मशीन बरामद की है।
पुलिस ने बताया कि सराफा बाजार की आड़ में लंबे वक्त से अग्रवाल मार्केट स्थित एक ऑफिस में हवाला कारोबार किया जा रहा था। जिसकी भनक लगने पर जब पुलिस ने ऑफिस में दबिश दी तो लाखों की नकदी के साथ दो युवक मिले। अमित क्षत्रिय नोट गिनने की मशीन से नोट गिन रहा था और और शुभम पटेल नाम का युवक पेज में पैंसिल से नोट के नम्बर लिखते हुये मिला। ऑफिस की तलाशी लेने पर थैले और तिजोरी की तलाशी ली गई, तो उसमें 42 लाख 54 हजार 300 रूपये नकदी मिले। इतनी रकम के संबंध में दोनों युवकों ने पुलिस को हवाला की रकम होना बताया। जो विपिन पटेल के कहने पर हवाला कारोबार करते थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया है और कारोबार से संबंधित अन्य बिन्दुओं पर जांच की जा रही है।
ऑफिस का मुखिया विपिन फरार, कोडवर्ड से होता था कारोबार
पुलिस ने बताया कि जिस ऑफिस से हवाला कारोबार को अंजाम दिया जा रहा था, उसका मुखिया विपिन पटेल ही है। वह अपने साथियों के साथ मिलकर लंबे वक्त से इस कारोबार को अंजाम दे रहा था। जिस क्षेत्र में यह ऑफिस संचालित था, वहा सराफा व्यवसाय होता है। एक जगह से दूसरी जगह दो नंबर की रकम पहुँचाने कुछ लोग विपिन का सहारा लेते थे। रकम के हिसाब से उसका कमीशन विपिन लेता था, फिर कोड वर्ड के जरिये वह रकम संबंधित व्यक्ति के स्थान पहुँच जाती थी। पुलिस के मुताबिक रकम एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचाने के लिए किसी एक नोट के नंबर को कोडवर्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। जिसके बारे में हवाला कारोबारी और रकम भेजने लेने वाले को ही जानकारी रहती थी।
नेटवर्क
में
शामिल
अन्य
लोगो
की
भी
तलाश
बड़ी
तादात
में
बरामद
लाखों
की
नकदी
के
बाद
पुलिस
को
शक
है
कि
फरार
विपिन
पटेल
के
और
भी
सहयोगी
है।
जिनका
कई
स्थानों
पर
नेटवर्क
फैला
हो
सकता
है।
इनकम
टैक्स
विभाग
भी
अब
इस
मामले
की
जांच
में
जुट
गया
है।
रकम
भेजने
और
लेने
वाले
लोगों
के
बारे
में
भी
पता
किया
जा
रहा
है
कि
वे
कितने
वक्त
से
इस
ऑफिस
से
जुड़े
थे
और
अब
तक
कितनी
नकदी
की
खेप
एक
स्थान
से
दूसरे
स्थान
पहुंचाई।