जबलपुर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

Jabalpur News: अस्पताल अग्निकांड मामले में बड़ी लापरवाही, स्वास्थ्य महकमे के अफसरों पर भी दर्ज होगा केस

Google Oneindia News

जबलपुर, 16 सितंबर: न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल अग्निकांड की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर भी बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि संबंधित अस्पताल का एक ही दिन में निरीक्षण कर उसे पंजीयन दे दिया गया। जबकि आम तौर पर पंजीयन संबंधी कई तरह के मापदंड होते है। जिनके परीक्षण में समय लगता हैं। इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग के अपर संचालक ने निलंबित CMHO डॉ. रत्नेश कुररिया को नोटिस जारी कर जबाब माँगा गया है।

भीषण अग्निकांड के लिए स्वास्थ्य महकमा भी जिम्मेदार !

भीषण अग्निकांड के लिए स्वास्थ्य महकमा भी जिम्मेदार !

एक अगस्त को मप्र के जबलपुर में न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिएलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल में भीषण अग्निकांड हुआ था। जिसमें आठ लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी और पांच अन्य लोग आग में बुरी तरह झुलस गए थे। सरकार ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई थी। कमेटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले के कई तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि इस अस्पताल को रजिस्ट्रेशन देने के लिए अफसरों ने सभी नियमों को दरकिनार किया। एक ही दिन में निरीक्षण और उसी दिन पंजीयन दे दिया गया। साथ सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक जिन मापदंडों का नियमित रूप पालन किया जाना था, उसको भी विभागीय अधिकारी अनदेखा करते रहे।

सस्पेंड CMHO को नोटिस, हो सकती है FIR

सस्पेंड CMHO को नोटिस, हो सकती है FIR

इधर प्रदेश के स्वास्थ्य अपर संचालक ने सस्पेंड CMHO रत्नेश कुररिया को नोटिस जारी कर कई बिंदुओं पर जबाब मांगा हैं। इसके लिए 15 दिनों की मियाद रखी गई है। कुररिया के पद पर रहते अस्पताल को पंजीयन देने में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है। जानकार बताते है कि घटनाक्रम में दर्ज की गई FIR में कुररिया समेत कई अधिकारियों को नामजद आरोपी बनाया जा सकता हैं।

दो संचालकों की जमानत अर्जी निरस्त

दो संचालकों की जमानत अर्जी निरस्त

इस कांड के लिए जिम्मेदार माने जाने रहे हॉस्पिटल संचालकों में डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल अभी भी फरार हैं। डेढ़ महीने बाद भी उनका कोई सुराग नहीं हैं। आरोपियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई, जिसे गुरूवार को खारिज कर दिया। घटना की प्रवत्ति और चल रही जांच को देखते हुए कोर्ट ने आरोपियों को जमानत देना न्याय सांगत नहीं समझा। इन आरोपियों के अलावा दो संचालक और हॉस्पिटल का मैनेजर पहले ही गिरफ्तार हो चुके है और जेल में निरुद्ध हैं।

BHMS की डिग्री और करते थे हर मरीज का इलाज

BHMS की डिग्री और करते थे हर मरीज का इलाज

जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आए थे कि हॉस्पिटल की संचालकों में दो दो डॉक्टर के पास एलोपैथी चिकित्सा करने का अधिकार नहीं था। बाबजूद इसके अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का धड़ल्ले से इलाज किया जाता था। वो भी हर तरह मर्ज का। साथ ही कोरोना काल के बाद अस्पताल की समयानुसार होने वाली जांच भी स्वास्थ्य विभाग ने ठीक ढंग से नहीं की। जो की भी गई तो सिर्फ कागजों पर। कहा जा रहा है कि पुलिस इस बात का भी पता लगाएगी कि तमाम तरह खामियों के बाबजूद अस्पताल संचालकों ने किस तरह से अस्पताल संचालन की अनुमति हासिल की।

ये भी पढ़े-Jabalpur Private Hospital: अग्निकांड की जांच के निर्देश, सरकार ने बनाई कमेटी, एक महीने में देगी रिपोर्टये भी पढ़े-Jabalpur Private Hospital: अग्निकांड की जांच के निर्देश, सरकार ने बनाई कमेटी, एक महीने में देगी रिपोर्ट

Comments
English summary
Jabalpur Hospital Fire Incident found big negligence by health deparment officer
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X