Jabalpur News: बहुचर्चित आयुष्मान योजना स्कैम के दो आरोपियों को राहत, जबलपुर हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
एमपी के जबलपुर सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अश्वनी पाठक और मैनेजर को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई हैं। आरोपियों पर आयुष्मान योजना के नाम फर्जीवाड़े का आरोप हैं।
Jabalpur High Court Relief to accused:एमपी के जबलपुर के बहुचर्चित आयुष्मान स्कीम स्कैम मामले में आरोपी सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के संचालक और मैनेजर को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई हैं। इस केस में हॉस्पिटल के डॉ. अश्वनी पाठक, उनकी पत्नी दुहिता पाठक समेत मैनेजर और अन्य एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पहले जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। दोबारा की गई अपील की कोर्ट ने सुनवाई की और सशर्त जमानत दी है।
जबलपुर में सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल की आड़ में अस्पताल संचालक पर उसके होटल में फर्जी मरीज भर्ती पाए गए थे। आरोप लगा कि कथित तौर पर भर्ती मरीजों के नाम पर आयुष्मान योजना का भुगतान लिया जा रहा था। जिस होटल को अस्पताल की शक्ल देकर कथित मरीजों को भर्ती किया गया था, वह भी नियम गैर-क़ानूनी था। पुलिस की पड़ताल जब आगे बढ़ी तो कई बड़े खुलासे हुए। सरकारी योजना के नाम करोड़ों की राशि का गलत ढंग से भुगतान लेने का भी आरोप है। पुलिस ने केस दर्ज करने के साथ हॉस्पिटल संचालक डॉ. अश्वनी पाठक, उनकी पत्नी दुहिता पाठक और मैनेजर को गिरफ्तार किया था।
लगभग 150 दिन से सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे। निचली अदालत में भी जमानत की अर्जी लगाई गई थी, जो खारिज हो गई थी। उसके बाद डॉ. पाठक दंपति की ओर से हाई कोर्ट में आवेदन लगाया गया। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डॉ. अश्वनी पाठक और मैनेजर को सशर्त जमानत दी है। आवेदकों की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि जिन धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, पुलिस के वे आरोप अभी सिद्ध नहीं हुए हैं। फर्जीवाड़े के आरोप बेबुनियाद बताए गए। वहीं शासन की ओर से जमानत का विरोध किया गया। कहा गया कि यह मामला गंभीर है, अस्पताल की आड़ में सरकारी योजना का गलत ढंग से लाभ लेने के लिए होटल में अस्पताल चलाया जा रहा था। जहां कथित तौर पर कुछ लोग मरीज के रूप में भर्ती मिले थे।
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